◆◆◆चंचल हरेन्द्र वशिष्ट◆◆◆
कार्तिक मास में कीजिए छठ व्रत अनुष्ठान।
अपने भक्तों का करती माँ सदा कल्याण।
शुद्ध तन और मन निर्मल रखते शुभ विचार।
माँ षष्ठी उन पर सदा, करती कृपा अपार।
हे सूर्यषष्ठी करुणामयी, महिमा अति महान।
कृपा करो छठीमैया,हमें अपना बालक जान।
छठ पूजा देती प्रकृति का अद्भुत संदेश।
श्रद्धाभाव से जो करे, रहता नहीं क्लेश।
सूर्य देव कृपा तुम्हारी,माँगे सकल जहान।
सौभाग्य सबका रहे,छठी माता दो वरदान।
छठी माई सुखदायिनी,करूँ वंदन बारम्बार।
सुख ,संतान,संपत्ति दो, कीजो कृपा अपार।
फल,ठेकुआ और सिंघाड़ा ये हैं दिव्यप्रसाद।
छठी मैया संकट हरो,हमें देकर आशीर्वाद।
चंचल हरेन्द्र वशिष्ट,
नई दिल्ली
बहुत सुंदर रचनाएँ👏👏👏👏👏🌹🌹🌹🌹👌👌
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नियमित रचनाओं के प्रसारण के लिए मंच/ब्लाग को साधुवाद/शुभकामनाएँ!
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