. महारानी लक्ष्मीबाई *बलिदान दिवस* ~~~~ कविता आन-बान-शान मतवाली, बचपन से बडी होशियार। स्वतंत्रता की अलख जगा, लड़ने को रहती तैयार।। नाना की मुहबोली बहन, लक्ष्मी नाम,संतान अकेली। खेल-खेल में ही सीखकर, कृपाणों की बनी सहेली।। वीर शिवाजी की गाथाएं, देश भक्ति का रंग भर जाती। उस वीर सिंहनी के आगे, दुश्मन चाल … Continue reading रामबाबू शर्मा,राजस्थानी
Category: बाल कविताएं
#रामबाबू शर्मा,राजस्थानी
. बाल अराधना *सूरज किरणें* ~~~~ सूरज किरणें, देखों भाई । मनभावन सी खुशियाँ लाई।। चिडिया चहकी, हुआ सवेरा। दाना चुगने, घर-घर डेरा।। फूलों वाली, छोटी डाली। मन को भाती, चमके लाली।। समय सुबह का, महका आँगन। मोर नाचता, आया सावन।। मिट्ठू तोता, राग सुनाता। अपनापन वो, दिखला जाता।। … Continue reading #रामबाबू शर्मा,राजस्थानी
रामबाबू शर्मा,राजस्थानी
. *बाल मनुहार* ~~~ सोनू बोला सुन रे मोनू, बात पते की बतलाता हूँ। सेवा से ही मिलता मेवा, आज तुम्हें मैं सिखलाता हूँ।। गाँव के सारे बच्चे पढ़ने, रोज विद्यालय में जाते है। हम भी जाकर देखें भैया, चलों अपना फर्ज निभाते है।। सब कुछ अच्छा सुन्दर मनभावन, यहाँ कमी बहुत बड़ी … Continue reading रामबाबू शर्मा,राजस्थानी
रामबाबू शर्मा,राजस्थानी
. *बालगीत* ~~~~~ भारत माँ शान हमारी, अपनापन दिखलाती है। संस्कार संस्कृति की आभा, जन-जन में बिखराती है।। जैवविविधता मनभावन, कोयल राग सुनाती है। आता मनमोहक सावन, हरियाली छा जाती है।। मोर नाचता जब मन से, मन खुशियों से भर जाता। अमवा की डाल पर मिट्ठू, गीतों की राग सुनाता।। गाय रम्भाती … Continue reading रामबाबू शर्मा,राजस्थानी
नीलम व्यास स्वयमसिद्धा
बाल गीत,,,पर्यावरण बचाओ16,14पदान्त 2मेरी बगिया हरी भरी है,सुंदर फूल खिले प्यारे ।बेला गुलाब चमेली उगे,फुलवारी पौधे न्यारे। लाल पीले गुलाबी सफेद,अनेक रंग गुलाबों के।महकी बगिया हरी भरी सी,रंग सजे ज्यूँ ख्वाबों के।बच्चों सीख लो तुम भी सभी,पेडों को खूब उगाना।गोलू टीलु आओ सभी तुमफूल तो जीवन सँवारे।बेला गुलाब चमेली उगे,फुलवारी पौधे न्यारे,,,1 पर्यावरण प्रदूषण ना … Continue reading नीलम व्यास स्वयमसिद्धा
ओम प्रकाश खरे
नन्ही चिड़िया चूं-चूं करती आये चिड़िया,मीठे गीत सुनाये चिड़िया।रोज सवेरे आ खिड़की पर,हमको सदा जगाये चिड़िया।। दाना चुगने आये चिड़िया,पानी भी पी जाये चिड़िया।कोई अगर पकड़ना चाहे,फुर्र-फुर्र उड़ जाये चिड़िया।। डाली-डाली फिरती चिड़िया,नील गगन में उड़ती चिड़िया।आ छज्जे पर चूं-चूं करती,इतनी भोली लगती चिड़िया।। तिनके-तिनके लाती चिड़िया,सुन्दर नीड़ बनाती चिड़िया।प्यार सभी करते हैं इसको,घर-आंगन जब … Continue reading ओम प्रकाश खरे
रामबाबू शर्मा, राजस्थानी
. *कविता* ~~~~ मनभावन पर्यावरण चिड़िया आई, दाना पानी.. देदो भाई। दादा बोला, आओ प्यारे.. करो भलाई।। सुन तोतों ने, टेर लगाई.. मीठी-मीठी। राग सुनाई, देख सभी ने.. खुशी मनाई।। मोर नाचता, मन को भाता.. पंख दे जाता। बच्चें हर्षाते, कहते उससे.. कल फिर आना।। बनों पक्षी मित्र, शान हमारी.. सब … Continue reading रामबाबू शर्मा, राजस्थानी
ओम प्रकाश खरे
::::दादा जी :::: मेरे प्यारे दादा जी ।सीधे-सादे दादा जी।लेकर अपने साथ सदा,सैर कराते दादा जी।। रोज किया करते वे योग,रहते फिट नित दादा जी।नयी-नयी बातें दुनिया की,मुझे बताते दादा जी ।। अपने पास बिठा करके,रोज पढ़ाते दादा जी ।अच्छे अंकों के पाने पर,टाफी देते दादा जी ।। मम्मी-पापा कभी डाँटते,मुझे बचाते दादा जी।हुई शाम … Continue reading ओम प्रकाश खरे
ओम प्रकाश खरे
* *मेरी मम्मी* * मम्मी!मम्मी!!मेरी मम्मी !!!मीठी सी दो,मुझको चुम्मी।। बात तुम्हारी,सब मैं मानूं।कभी न कोई,जिद मैं ठानूं।। आओ संग-संग,मेरे खेलो ।थका,गोद में,अब तुम लेलो ।। मम्मी मुझे,जहाज मंगा दो।आसमान में,उसे उड़ा दो।। फिर हम दोनों,सैर करें गे ।नहीं किसी से,बैर करें गे ।। """"""""""""""""""""""""""""""""'''''''"'ओम प्रकाश खरे © जौनपुर ।०९-०४-२०२१""""""""""""""""""'''"""""""""""""""""
ओम प्रकाश खरे
मेरा भैय्या मेरा भैय्या प्यारा है।घर का राजदुलारा है।।मम्मी की आंखों का तारा।सारे जग से न्यारा है ।।संग-संग मेरे पढ़ने जाता।ए०,बी०,सी०,डी०आता है।।छोटे-छोटे बाल गीत ।तुतली भाषा में गाता है।।राखी का दिन जब आता।खुशियां खूब मनाता है।। अपनी प्यारी दीदी से ।पहले रोली लगवाता है।।फिर सुन्दर सी राखी को।वह दीदी से बंधवाता है।।दीदी उसे मिठाई देती।फिर … Continue reading ओम प्रकाश खरे