पिता जी

     --- स्नेहदिल नरेश चावलाख़ामोश रहते हैं अक्सर बोलते नहीं...पिताजी हंसते नहीं रोते नहीं... चुपचाप खा लेते है मां जो भी है पकाती ,नमक ज्यादा हो या कमपिताजी टोकते नहीं.. जागने से पहले चले जातेसोता तब तक लौटते नहींरात भर क्या कभी पिताजी सोते नहीं... दादी कहती थका हारा आया बेटा मेरा..कांधे पे जब झूलते … Continue reading पिता जी