अखंड गहमरी

--- अखंड गहमरीदिल से दिल को,लगाना नहीं चाहिए।आग दिल की ,बुझाना नहीं चाहिए।। ज़ख्‍म दे कर नया , तुम सताओ मुझे..दर्द दे कर, भुलाना नहीं चाहिए।। प्यार, चाहत, वफा, दिल, कसम, जिन्द़गी।खुद को इनसे , मिलाना नहीं चाहिए।। प्यार में प्यार से,प्यार को जिन्द़गी।कह दिये यह , बताना नहीं चाहिए। जो हैं कहते मुझे ,दिलजला … Continue reading अखंड गहमरी

#डॉविनोदकुमारशकुचंद्र

ग़ज़ल जिंदगी पटकेगी अपनी चाल में, हर दिन तुम्हेंजीना होगा खुद के ही जमाल में, हर दिन तुम्हे तुमने सीखा है बस,सीधे सीधे चलना राह मेंमंजिल को उलझाना होगा जाल में, हर दिन तुम्हें रख सब्र,गुजारा कर बस अपनी कमाई परचमक दिखेगी पराए माल में, हर दिन तुम्हें ललचाएगी बहुत, ये चकाचौंध दुनिया की, ए … Continue reading #डॉविनोदकुमारशकुचंद्र

गज़ल

--- डाॅ.आलोक कुमार यादव*ग़ज़ल* तुझे पास अपने बुलाया कन्हैया,मुझे तूने कितना सताया कन्हैया। किया  है  सदा  मैंने  तेरी ही पूजा,न अपना मुझे क्यों बनाया कन्हैया । सदा नाम तेरा लिया जिंदगी में,मुझे और कोई न भाया कन्हैया। मिली जिंदगी में मुझे जो भी खुशियाँ,तुम्हीं  ने  मुझे  तो  दिलाया  कन्हैया। वही फिर सुना दो मुझे तुम … Continue reading गज़ल

नरेश मलिक

ग़ज़ल मुसीबत में हमें हर पल गुरु ही याद आता है,निकलना जाल से कैसे इशारों में बताता हैl करें गलती अगर जो हम तो वो नाराज होता है,वही इक शख्स है जग में जो सब सच सच सुनाता हैl मगर हम सीख लें सब कुछ यही विश्वास रखता है,खुदा ढ़ल के गुरु के रूप में … Continue reading नरेश मलिक

राकेश कुमार मिश्रा

🎊🌹दौर-ए-गजल🌹🎊 तेरा जिस्म संगेमरमर तेरा हुस्न लाजवाबखिलते हुए कंवल सा तेरे चेहरे का शबाब , तेरी जुल्फ डोर रेशम तेरी आंखों में शराबलब सुर्खो सुर्ख तेरे के जैसे पंखुड़ी गुलाब , सांसो की तेरी खुशबू चंदन है बेहिसाबतुझे चूमने को पागल मौसम भी है बेताब , खय्याम की गजल तू शायर का कोई ख्वाबतू चांद … Continue reading राकेश कुमार मिश्रा

ओम प्रकाश खरे

०००++ (ग़ज़ल)++००० [ *दर्पण* ] दर्पण सच-सच बोल रहा है ।राज़ सभी के खोल रहा है।। कहने को यह गूंगा-बहरा,मन की बातें तोल रहा है। देख रहा हर सच्चाई को,मौन नहीं कुछ बोल रहा है। मुख पर जो भी भाव उभरते,उनकी प़रतें खोल रहा है। देखा जिसने अपनी सूरत,उसका तो मन डोल रहा है। धूल … Continue reading ओम प्रकाश खरे

नीलम व्यास स्वयमसिद्धा

गज़ल,,,आज की विधा212 212 212काफ़िया ओरदीफ़ गएआप मेरे खुदा हो गए।जिंदगी दे कहाँ खो गए। आपकी चाहते मिल गयी।प्यार में डूब के खो गए। नैन तेरे नशीलें बड़े।होश मेरे चुरा वो गए। प्यास मेरी बढ़ाते रहे।यार मेरे सुनो सो गए। जान यूँ ही लुटा कर चले।चाह का बीज हमबो गए।गिरहजो दिखाए मुझे थे कभी।सारे सपनें … Continue reading नीलम व्यास स्वयमसिद्धा

ओम प्रकाश खरे

०००० * ग़ज़ल * ०००० चरागों ने अंधेरे हर मिटा देने की ठानी है।अंधेरे दूर करना ही रही इनकी कहानी है।। सदा दिन-रात जलते काम ये अपना किया करते,रहे धुन के सदा पक्के बड़ी आदत पुरानी है। जो सच्चे लोग होते हैं सदा निज काम हैं करते,हमेशा काम से ही बन गई उनकी निशानी है … Continue reading ओम प्रकाश खरे

नरेश मलिक

ग़ज़ल जहां की हर मुसीबत से बचाते हैं पिता हमको,जो भी चाहें वो सब कुछ ही दिलाते हैं पिता हमको l कभी गिरते, कभी उठते हैं जब पथरीली राहों में,सदा उँगली पकड़ चलना सिखाते हैं पिता हमको l बहुत मुश्किल है मंजिल मिल सके अनजान राहों में,हरिक मंजिल के सब रस्ते बताते हैं पिता हमको … Continue reading नरेश मलिक

राकेश कुमार मिश्रा

🎊🌹दौर-ए-गजल🌹🎊 शायर शायर नहीं जमाने का आफताब होता हैरौशन करे तारीकियों को वो महताब होता है , जान फूंक देता ये मुर्दा से मुर्दा दिलों में भीइस के दम से ही जमाने में इन्कलाब होता है , सजदा करती है आज भी तलवार इस की कलम कोकलम की नोक पर इसकी इस कदर आब होता … Continue reading राकेश कुमार मिश्रा