शिवशंकर लोध राजपूत

नमन मंच मेरी चौपाल दिनांक :20.4.2021 विषय : आठवाँ नवरात्र माँ महागौरी विधा :कविता नवरात्र के आठवें दिनमहागौरी शक्ति की पूजा होतीमाँ का रूप ग़ौर वर्ण हैगौरी यानी इनकी उम्र आठ वर्ष हैसभी आभूषण व वस्त्र श्वेतश्वेताम्बरा नाम भी है इनकावाहन वृषक पर सवारी है माँ कीदाहिना हाथ अभय मुद्रा मेंनीचे वाला हाथ त्रिशूल धारण … Continue reading शिवशंकर लोध राजपूत

चंचल हरेन्द्र वशिष्ट

'नवदुर्गा आराधना'माँ दुर्गा लो अवतार, संकट दूर करो अब।हे शक्ति करो उपकार,संकट दूर करो अब। प्रथम दिवस माँ शैलपुत्री की पूजा सभी करेंकलश स्थापित करके,जौ की खेत्री सभी करेंमैया भर दो सब भंडार,संकट दूर करो अब। द्वितीय दिवस ब्रह्मचारिणी माँ हृदय में विराजेकमल पुष्प धारण करें माँ हाथ कमंडल साजेमाँ नयनों में भरकर प्यार,संकट दूर … Continue reading चंचल हरेन्द्र वशिष्ट

शिवशंकर लोध राजपूत

मेरी चौपाल दिनांक ::19.4.2021 विषय : सातवाँ नवरात्रिविधा :कविता सातवाँ नवरात्रि माँ कालरात्रि का नवरात्रि मेसातवाँ है दिनकालरात्रि देवी का शरीररात के अंधकार की तरह है कालागले में नरमुंड की माला,बिखरे हुए बाल ,आँखें तीन ,गदर्भ की सवारी करती है माँसांसों से अग्नि है निकलतीदाहिने हाथ में आशीर्वादनीचे वाला हाथ अभय मुद्रा मेंबाएँ हाथ ऊपर … Continue reading शिवशंकर लोध राजपूत

केवरा यदु “मीरा “

विषय -नवरात्रि चौपाई छंद माता की आई नवराती।अंबे माता है वर दाती। नव नव रूप में दर्शन देती।भक्तों के माँ दुख हर लेती।। करती है माँ शेर सवारी।दुष्टन को संहारन वारी।। माता मेरी शक्ति स्वरूपा।पूजे मात रंक अरु भूपा।। मात शारदे मैहर वाली।झोली मैया भरती खाली।। नव कलशों में दीप जलायें।माँ की हम जगराता गायें … Continue reading केवरा यदु “मीरा “

नीलम व्यास स्वयमसिद्धा

काल रात्रि माँघनाक्षरी8887 सप्तम दिवस पूजे,काल रात्रि माँ को हम,काल रूप दुष्ट नाश,रक्तबीज मारती। खड्ग खप्पर हाथ,त्रिशूल तलवार ले,काली रणचंडी मात,भक्तन को तारती। रोग शोक मेटिए माँ,भूत प्रेत अंत करे,रौद्ररूप शुभकार,भक्त करे आरती। रूप भयंकर होता,अन्याय पाप नाशिनी,साधक को वर दाय ,पूजे सब भारती। नीलम व्यास स्वयमसिद्धा

नीरज राव

नवरात्र- दुर्गा के नौ रूप मैया तेरा रूप-रूप,दुर्गा में समा गया।दुर्गा रूप है निराला,जो जग को ही भा गया। पहला रूप शैलपुत्री,जो हमें बता रहा।करो शुरू तुम नवरात्र,रहो खुश सदा सदा। आई फिर ब्रह्मचारिणी,ले रूप ये नया-नया।सबको स्मरण शक्ति दे,और निष्ठावान बने सदा। तृतीय रूप ले माँ स्वयं ही,चन्द्रघण्टा है आ गयी।विविध अलौकिक ध्वनि से,हम … Continue reading नीरज राव

नीलम व्यास स्वयमसिद्धा

कात्यायनी माताघनाक्षरी8887 कात्यायनी माता आई,छठे दिन पूजन है,पीत पट रँग गौर,भाव भर लीजिए। शेर की सवारी करे,महिषासुर सँहारे,कष्टो से है देती तार,भोग खीर पीजिए। शक्ति स्वरूपा माताजी,शरणा आये रक्षा करे,तलवार शत्रु वार,न्याय सदा कीजिए। राक्षसों को माँ सँहारे,त्रिलोक में शांति करे,आदिशक्ति हो कल्याण,रोग मुक्ति दीजिए। नीलम व्यास स्वयमसिद्धा

शिवशंकर लोध राजपूत

नमन मंच मेरी चौपाल दिनांक :16/04/2021 विषय :माँ कुष्मांडा का चतुर्थ दिवस विधा:कविता माता कूषमान्डा ने कीब्रह्माण्ड की रचनासृष्टि की आदिशक्ति है मानामाँ कूष्माण्डा सूर्य मंडल केभीतर के लोक में निवास करती हैइन्हीं के तेज से प्रकाश सेसभी दिशाएँ प्रकाशित होती हैंमाँ कूष्माण्ड की आठ भुजाएँ हैंकमन्डल ,धनुष ,बाण ,कमल पुष्प ,अमृत कलश ,चंद्र तथा … Continue reading शिवशंकर लोध राजपूत

नीलम व्यास स्वयमसिद्धा

स्कंद माताघनाक्षरी स्कंद कुमार की माता,कार्तिकेय जननी जो,स्कंद माता कहलाती,श्रद्धा मन कीजिए। चतुर्बाहु वर मुद्रा,कमल पुष्प आसना,श्वेत वर्णा है धवला,दरसन दीजिए। पहाड़ों की निवासिनी,गोद में स्कंद पुत्र है,ममता वात्सल्य देती,भक्ति रस पीजिए। सूर्य तेज सम ओज,तेज बल ज्ञान दायी,मुक्ति की प्रदायिनी,डोर मेरी खींचिए। पीत वस्त्राभूषण ,सिंह सवारी करती,शुद्व ध्यान हम करें,कृपा रस सींचिए। मन को … Continue reading नीलम व्यास स्वयमसिद्धा

रमा बहेड

माता नवरात्रि का पावन पर्व आया हैनव निधियां संग ले आया हैभक्तों के मन को भाया हैउल्लास मन में समाया हैनव दुर्गा माता पूजी जाती हैशक्ति शालिनी जन्म दायिनी लोकपालिनी माता कहलाती हैउमा रमा ब्रह्माणी माताइस जग की कल्याणी माताअन्नपूर्णा बनकर जग का पेट भरती मातानारायणी बनकर संसार चलाती है माताआदिशक्ति मातंगी मातभवानी है माताभवमोचिनी … Continue reading रमा बहेड