किसान

■■ ओम प्रकाश खरे ■■कृषक को बस कृषक रहने दो ,न भड़काओ उसे।आंदोलन की अगन में,अब न भड़काओ उसे।खेत खाली हैं पड़े,रो रही अपनी धरा।स्वप्न को बस,स्वप्न रहने दो,न भटकाओ उसे।रास्ते मिल-जुल के कुछ ऐसे,निकाले जाँय ।काम भी बन जाय,जीवन दान दिलवाओ उसे ।कर्म से जो मर रहा है,न्याय दिलवाओ उसे।हताशा में जी रहा है … Continue reading किसान

किसान

◆◆ ओम प्रकाश खरे ◆◆कृषक को बस कृषक रहने दो ,न भड़काओ उसे।आंदोलन की अगन में,अब न तड़पाओ उसे।खेत खाली हैं पड़े,रो रही अपनी धरा।स्वप्न को बस,स्वप्न रहने दो,न भटकाओ उसे।रास्ते मिल-जुल के कुछ ऐसे,निकाले जाँय ।काम भी बन जाय,जीवन दान दिलवाओ उसे ।कर्म से जो मर रहा है,न्याय दिलवाओ उसे।हताशा में जी रहा है … Continue reading किसान

किसान की व्यथा कथा

【 राजेश तिवारी "मक्खन" 】आसमान से ओले आते देख आख भर आयी ।बने विधाता बाम कृषक  ने कैसी किस्मत पायी ।। कर परिश्रम्य असीम खेत में बीज कृषक ने बोया ।चाय हो गया श्याम घाम से रात नींद अति सोया ।।जमा बीज जब देख रेख हुआ हृदय हरषायी  ।।-.--.--.--.--.--.-१ नींद गुडाई करी कुटुम्ब संग ,सीच … Continue reading किसान की व्यथा कथा

अन्नदाता

【 नीरज राव 】धरती पुत्र रत्न कहुं या,कहुं देश का मतवाला।चाहें गर्मी खूब पडे़ या,पडे़ रात भर यूं पाला। बन प्रहरी तु खेतां का,सच्चाई का हल चलाता जा।उगें खुशहाली के अन्न खेतां मै,तु यूं ही हल चलाता जा। इस देश के तुम कर्ण धार बनें हो,ये देश तुम्हारा ऋृणी हुआ।बढते चलो तुम अपने पथ पर,तुम … Continue reading अन्नदाता

देश का किसान देश की शान

【 अस्मिता प्रखर 】हमारे देश का किसान भारत मां की शान है।यहां के मिट्टी गौरव की गाथा बड़ी महान है।। खेतों - खलिहानों से जिसकी करते हम पहचान हैं।यहां के मिट्टी गौरव की गाथा बड़ी महान है।। सबका पेट भरने वाला वह अन्न भगवान है।यहां के मिट्टी गौरव की गाथा बड़ी महान है।। दिन - … Continue reading देश का किसान देश की शान

जय जवान जय किसान

【 भास्कर सिंह माणिक 】बोलो जय जवानजय जय किसान।हे मेरा भारतसबसे  महान।। सुशोभित लगताखेत पर किसान।सुरक्षा  करे  सीमा पर किसान।जननी से बढ़करपूजे माटी।इनकी दम परमहके  हिंदुस्तान। आओ करेंहम इनका गुणगान।बोलो जय जवानजय जय किसान।। एक खूं पसीने सेसींचें जमीं।एक सहतावर्षा गर्मी नमीं।मातृभू परजां करते निछावर।अपने कर्तव्य केदोनों धनी। आओ करें मिलकरहम सम्मान।बोलो जय जवानजय जय किसान।। … Continue reading जय जवान जय किसान

किसान

【 अस्मिता प्रखर 】खेती - झोपड़ी जिसकी शान।धूप - छांव हो एक - समान।तपती धूप , तपती गर्मी।हर विपदाएं हो सहने की ताकत।廒廒廒廒廒廒廒廒कोहरा -ओला , धुंधला मौसम।सभी से टकराता किसान मतवाला।विकट मौसम कठिन परिस्थिति।को वह बनाता है हर आशियां।廒廒廒廒廒廒廒廒बंजर सी धरती में उगाने की हर।ताकत रखता है किसान।पर अपने हक की ही लड़ाई लड़नेसे डरता … Continue reading किसान

मुक्तक(किसान आंदोलन)

◆◆◆ भास्कर सिंह माणिक ◆◆◆             ( 1)आज सड़कों पर बेबस खड़ा है किसान।सिर्फ चाहता अपना अधिकार सम्मान।उचित मूल्य मिलना ही चाहिए  श्रम का।माणिक तब ही महकेगा पूरा उद्यान।             ( 2)        -----------भीख  नहीं अधिकार चाहता।जीवन  का   आधार  चाहता।अपना हक मांग रहा किसान।कभी   नहीं  आभार  चाहता।     -----------------------           ( 3)होता  किसान  सबसे  महान।तुम न करना उसका अपमान।बहाकर   खूं  … Continue reading मुक्तक(किसान आंदोलन)

किसान

◆◆ रामबाबू शर्मा,राजस्थानी ◆◆            मात-पिता परमेश्वर,            धरा पुत्र पर अभिमान।            आओ मिलकर बोले,            जय जवान,जय किसान।।             भूमि पुत्र सच्चा साथी,            मनभावन मतवाला।            फसल उगाता मन से,            हम सब का रखवाला।।             दिन-रात मेहनत कर,            अपना धर्म निभाता।            ओले-वृषा-तूफान,            देखो उसे डराता।।             फसल लहलहाती जब,            मंद-मंद वो मुस्कुराता।            परिश्रम का फल मीठा,            परिवार संग … Continue reading किसान

अन्नदाता देस का

●● भूपसिंह 'भारती' ●●अन्नदाता हो देस का,असली  खेवणहार।इसकी मांगें  मानलो,उलझो  ना  बेकार।उलझो  ना  बेकार, नहीं  ये  पाकिस्तानी।सुण लो   बारम्बार, शान  ये   हिंदुस्तानी।हाल  हुया  बेहाल, कर्ज म्ह  डूबा  जाता।भूखा  मरता  देख, देस का  ये अन्नदाता।               - भूपसिंह 'भारती'