नीलम व्यास स्वयमसिद्धा

औरत की त्रासदी कुछ मर्दों को औरतभोगने ,,मन बहलाने को चाहिएरूहानी,,प्रेम के लिए नहींहाड़ माँस की पुतलीजो हद में रहे डरी सहमी ,मर्द की एक आववाज पर काँपे,,, जी हुजूरी करें।मूँछो पर ताव देता मर्दखुदा समझे खुद को।कुछ मर्दो को औरतप्यारी लगे,, प्रेम के लिए जरूरीमगर औरत की इच्छा का कोईमान नहीं करतेथोपते खुद को … Continue reading नीलम व्यास स्वयमसिद्धा

साधना मिश्रा विंध्य

विषय -धड़कनशीर्षक-नारी और धड़कन दिल की धड़कन बढ़ जाती हैजब सफर अकेले करती हूं। देख बेचारी नारी कीमन ही मन में डरती हूं। मर्यादा के आंचल कोजान मैं अपनी कहती हूं। अंधेरी रातों मेंबाहर जाने से डरती हूं। धड़कन बढ़ती रहती हैसुकून को खोजा करती हूं। पिता पति कभी बेटे केसंग में ही सफर करती … Continue reading साधना मिश्रा विंध्य

#भास्कर सिंह माणिक

मंच को नमन भारतीय नारी शौर्य शक्ति की पहचानभारतीय नारी।लाज धैर्य प्रेम की शानभारतीय नारी।। युग बदले हैं इतिहास रचे हैंनारी नेममत्व के अनुपम गीत लिखे हैंनारी नेमत निर्बल कह कर उसकाउपहास करो तुमवीर ज्ञानी विज्ञानीजन्में हैं नारी ने सदा रही पुरुष का मानभारतीय नारी।शौर्य शक्ति की पहचानभारतीय नारी।। दिया शीश काट उपहारभाल तिलक कर … Continue reading #भास्कर सिंह माणिक

श्याम कुँवर भारती

महिला दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाए |कविता- तेरी महिमा न्यारीहे नारी महिमा तेरी न्यारी तुझसे है जग सारी |प्यार द्या दान धर्म की है मूरति तू प्यारी |एक है तू तेरे रूप अनेक खेले गोद त्रिदेव महेश |नर्मदा सीता सावित्री अनुसुईया दे तू हमे आशीष |जननी भार्या बहन प्रेयसी तुझपे जग बलिहारी |हे नारी … Continue reading श्याम कुँवर भारती

शाहाना परवीन

शीर्षक :- कुछ प्रश्न        नारी से मांगी जाती है चरित्र की प्रमाणिकता,कोई विकल्प नहीं रह जाता शेष सिवाय टूटकर बिखर जाने के। नारी पर जब लगाए जाते आरोप अपनो ही के द्वारा,कुछ भी कहने-सुनने को नहीं रह जाता शेष सिवाय होंठ सिल जाने के। बेहद दुखद है इस प्रकार का व्यवहार नारी जाति के प्रति,क्या रह … Continue reading शाहाना परवीन

डॉ• मुक्ता

बन काली करो मर्दन शर्म आती हैहर दिन बेटियों के साथ होतेदुष्कर्म के हादसों को देख करहृदय में उठ रहा बवालकब थमेगायह दरिंदगी का सिलसिलाऔर शांत होगा सुनामी का क़हरउठो! पहचानोअपनी सुप्त शक्तियों कोऔर सिरफिरे दुष्कर्मियों काकाली बन कर डालो मर्दनहो जाएं वे इस क़दर बेहालकि तड़पते हुए अंतिम सांस तकविवश हो मांगते रहेंप्राणों की … Continue reading डॉ• मुक्ता

ड़ा. इन्दिरा गुप्ता यथार्थ

उठ खड़ी हो आज नारी ....✊ दम्म्भीयो का दम्भ भारीउठ खड़ी हो आज नारी ।द्रौपदी का चीर हरनेआ रहा है अत्याचारी ॥ क्रोध अग्नि शान्त ना होज्वाल भी अब ना बुझेगी ।भस्म कर भस्मासुरों कोअग्नि ये जलती रहेगी ॥ कृष्ण की ना कर प्रतिक्षाउठ स्वंय ही मान धर ले ।वासुकी के विष फनो परआज तू … Continue reading ड़ा. इन्दिरा गुप्ता यथार्थ

प्रेमलता चौधरी

महिलाएं सिर्फ शक्लऔर ज़िस्म से ही खूबसूरतनहीं होती,,बल्कि वो इसलिए भी खूबसूरत होती हैं,।क्योंकि प्यार में ठुकराने केबाद भी …किसी लड़के पर तेजाब नहीं फेंकती !उनकी वज़ह से कोई लड़कादहेज़ में प्रताड़ित हो कर फांसी नहीं लगाता !वो इसलिए भी खूबरसूरतहोती हैं,,कि उनकी वजह से किसीलड़के कोरास्ता नही बदलना पड़ता!वो राह चलते लड़को परअभद्र टिप्पड़ियां … Continue reading प्रेमलता चौधरी

डॉ।। वसुधा पु.कामत,

नारी तेरी…… नारी तेरी अजीब कहानी,आजतक किसीने न जानी,आंखों में है ओस सा पानी,तूने खुद की किस्मत खुद ही,लिखने की आज है ठानी ।। नारी तेरी अजीब कहानी.. देखी है हमने सीता की कहानी,अहिल्या बनके पत्थर लिख गयी कहानी,द्रौपदी की चित्कार हमने है सुनी,युगों युगों तक तूने लढ़ने की ठानी। नारी तेरी अजीब कहानी.. मौत … Continue reading डॉ।। वसुधा पु.कामत,

एस एल सुबोध,

मानो तो दुर्गाकर लो कबूल,करो ना भूल, मानो तो दुर्गा,ना मानो तो काली,छोड़ो कठोर प्रतिज्ञा,मिलकर बजा लो ताली,हिंद हिला गई पांचाली,दुशासन माने पैरों की धूल.. हलके में लिया,घर को घुमा दिया,कानाफूसी का कार,मंथरा बनी मककार,करा गई वो तो वाचली,सिंहासन को तो खाली,रखे खड़ाऊ समझ चरण फुल.. खुद था बेखबर,दे चुका था वर,कैकई की करतूत,छूट गया … Continue reading एस एल सुबोध,