नीलम व्यास

शीर्षक,,बेटियां रूह का सुकून कलेजे की ठंडक बेटियां।दो कुल की लाज ओ अभिमान बेटियां। माँ पिता के मन के निकट होती बेटियां।हर परिस्थितियों में ढल जाती बेटियां। कम साधन ,सुविधाओं में खुश रहती बेटियां।हर क्षेत्र में नाम कमाती ,आत्म निर्भर बेटियां। गरूर और शान घर की होती बेटियां।सेवा ,मेहनत ,भावों से भरी होती बेटियां। हर … Continue reading नीलम व्यास

दीपिका खिंची

सुन मेरी महतारी सुन सुन मेरी महतारी इब खोल बता दे सारी। बेटे को जन्म दिलवाती बेटी को गर्भ मे मरवाती बेटा क्यू लगता प्यारा बेटी क्यू लगती खारी सुन सुन मेरी महतारी इब खोल बता दे सारी । बेटा भी गोद खिलाया बेटी भी गोद खिलाई बेटा क्यू लगता लाडला बेटी न क्यू दे … Continue reading दीपिका खिंची

नीलम व्यास ‘स्वयमसिद्धा’

बेटी की व्यथा हक माँग लिया बेटी नेगरीबी से जूझते हुएसंघर्ष की पीड़ा को झेलते हुएतो ,,,गुनाह हो गयावफादारी निभाई बरसोंरिश्ते बने थे ,,अनमोलजिम्मेदारी भी बहुत निभाईहर सुख में,,दुख मेंशामिल रही बेटीपीहर वालो केजब उपयोग में आती रहीतब तक ठीकजब मतलब निकल गयाबेटी बोझ बन गयीपीहर वालों के लिए,,क्योंअपना हिस्सा पूरा देकरबदले में ,,,,क्या पायाउपेक्षा,, … Continue reading नीलम व्यास ‘स्वयमसिद्धा’

जुगल किशोर पुरोहित

बेटियाँघर आँगन और उ़पवन की शोभाहै बेटियाँ मात पिता की सेवादारबेटियाँ और विपत्ती काल में बनजाती है पतवार बेटियाँ । पढ़ने लिखने में रहती है सदाहोशियार बेटियाँ कहीं पन्नाधायतो बनी कहीं झाँसी की रानी बनइतिहास लिखती है बेटियाँ ।। कहीं शिक्षिका कहीं डाक्टरकहीं नर्स बन कर कर रहीसेवा है बेटियाँ कहीं माताकहीं बहना कहीं पत्नी … Continue reading जुगल किशोर पुरोहित

गरीब बेटी की व्यथा

■ नीलम व्यास ■बेटी माँ के मन के सबसे करीबसुख दुःख समझने वालीभावनाओं का सम्मान करने वालीसखि सी शुभ चिंतक होती है,,पापा की लाडली ओ भाइयों की दुलारी,,भी होती है,,काश,,बस जीवन यही  जाए,,बेटी माँ के आँचल में दुबकी रहे सदा,,,मगर,,समय परिवर्तन शीलबेटियां इतनी जल्दी बड़ी क्यों हो जाती हैं,,,?विवाह के बाद जीवन का दूसरा अध्याय … Continue reading गरीब बेटी की व्यथा

बेटियाँ

◆◆◆अरविन्द अकेला◆◆◆बेटियाँ ,होती हैं,घर की तितलियाँ।उड़ती हैं कभी इधर,कभी उधर,करती हैं मन को प्रसन्न। बेटियाँ,रहती हैं जब घर में,रहता घर गुलजार।घर को महकाती,बिखेरती खुश्बू,बांटती है प्यार। बेटियों से घर बनता,बनता सुखद परिवार,रहता सुखी संसार।बेटियों से ,जीवन में हरियाली,देती खुशियाँ अपार।      ------0----          अरविन्द अकेला

बेटियाँ

◆◆◆सविता मिश्रा◆◆◆बेटियाँ ये बेटियाँ प्यारी - प्यारी बेटियाँ lमाता पिता की दुलारी है बेटियाँ ll जगत में बहुत नाम करती है बेटियाँ lईश्वर का अनमोल तोहफा है बेटियाँ ll धरा की रानी है जहां में lकिसी की पत्नि, बेटी, बहन और माँ के रूप में भी वरदानी है बेटियाँ ll दुर्गा, काली, सरस्वती, लक्ष्मी का … Continue reading बेटियाँ

सृष्टि का निर्मात्री

◆◆अनिल कुमार राठौर, सृजन◆◆जगत निर्मात्री हो तुम,आदिशक्ति भी हो तुम,सारी सृष्टि समाई है तुझ में,तूं ही  है  ज्ञानदायिनी शारदा,तूं ही हैं धन की लक्ष्मी,तूं ही है शक्ति स्वरुपा दुर्गा,कन्या तेरे हैं अनेकों रुप,तूं ही है किसी की पत्नी,और किसी बहन या भी बेटी,कन्या दान होता है महादान,वय स्थिति स्वरूप विविध होती,नौ दुर्गा भी कहलाती है  … Continue reading सृष्टि का निर्मात्री

बेटियां होती है महान

◆अनिल कुमार राठौर, सृजन◆कोख में पल रही  हूं मैं  बेटी ,हत्यारा बना है बाप मेरा,मुझे भी  हक  दिया है,इस रंगीन दुनिया में आने का,तूं भी आया है इस दुनिया में,तुझे जन्म देने वाली भी है बेटी,यदि होता हत्यारा बाप तेरा,क्या देख सकता था रंगीन दुनिया,फिर तूं मुझे दुनिया में आने पहले,मेरी हत्या करने में तूं … Continue reading बेटियां होती है महान

जज्बों की कदर

                          ---नीलम व्यासएक लड़की किशोरावस्था मेंसपने देखती अनेकभावी जीवन के,,घर स्कूल कॉलेज पढ़ाई ,,बसमाँ बाप भाई बहिन,,बससहेलियां,,छोटी सी दुनियामाँ का झुकाव बेटों की तरफमगर ,,पापा की परीविवाह के बाद,,भोली मासूम लड़की,,एक दिन में हीघर की संस्कारी बहु के आसन पर सवार,,आदर्शों को,नियम रिवाजों को ,,सहेजना,,नया परिवेशनए लोग,,ढेर सारी जिम्मेदारी,,हर बात ,हर आदत ,हर चाह को।उठने … Continue reading जज्बों की कदर