महेश कुमार हरियाणवी   

   --- महेश कुमार हरियाणवी        दर्पण देख ले जहान आजकल कैसा होएगा।संचारित दुनिया मेंअकेलापन रोएगा।। बच्चा कहीं और पलेमाता कहीं और हो।कौन देगा ज्ञान ध्यानपैसों की हिलोर हो। अपनों की डोर जाएँअपने ही तोड़ जो।सपनों के पिछे भागेंबोने हर मोड़ हो। सिसकी दुलार वालीफोन पर टोहेगा।देख ले जहान आजकल कैसा होएगा।। जिस पे हो आस … Continue reading महेश कुमार हरियाणवी   

#राजेशपान्डेयवत्स

---- राजेश पान्डेय वत्ससौम्य सवेराछंद - कवित्त️️️️उषा उलझन में शीतल शशि पूनम में,जाड़े पर शीत-चन्द्रबढ़ाये कंपन को! भोर कँपकँपी कँपकँपाती-सी  चली हवा,हिम लय स्वर भरकँपा डाली तन को! लोचन लपक कर रवि पूर्व खोज रहा,गर्म धूप मिल जातेसिकुड़े बदन को! पूर्णिमा पावन दिन मन के मन्दिर गिन,सवेरे समेट वत्स,राम रूपी धन को! -राजेश पान्डेय वत्स!1208 … Continue reading #राजेशपान्डेयवत्स

सचिन गोयल की रचनाएं

           ---- सचिन गोयलतू अपनी दुनिया बसा ले मैं नाराज नही हूं,जुल्फों में गजरा सजा ले मैं नाराज नही हूँ, हम जुगनू बनकर सुबह तलक बुझ जाएंगे,रक़ीब को भंवरा बना ले मैं नाराज नही हूँ, मैंने हर दम तेरी खुशियों की दुआएँ माँगी,तू अपनी बारात बुला ले मैं नाराज नही हूं, तेरा संसार आबाद रहेगा … Continue reading सचिन गोयल की रचनाएं

सौम्य सवेरा

#राजेशपाण्डेयवत्स*फुलवारी!*छंद-मनहरण घनाक्षरी!覆鹿華*यहाँ* देखो चमेली के,सुमन के पुष्प गुच्छ,मन कहे सृष्टि के ये,*कैसी पच्चीकारी है?* *वहाँ* खिला विष्णुकांति,सतरंगा भाँति-भाँति,केवड़ा सफेद पीला,*छटा अति न्यारी है!* *जहाँ* तक नैन जाता, एक फूल दिख जाता,गुलतुर्रा बनफूल,*उगे स्वेच्छाचारी है!* *कहाँ-कहाँ* बीज कंद,गुच्छन प्रसून गंध?राम की अचला वत्स,*इक फुलवारी है!* -राजेश पाण्डेय वत्स!0810 ©MPP6065K覆鹿_सौम्य सवेरा!_छन्द - *मनहरण घनाक्षरी!*बहन की राखी जैसा,सूरज … Continue reading सौम्य सवेरा

सौम्य सवेरा

#राजेशपाण्डेयवत्ससौम्य सवेरा!छंद *मनहरण घनाक्षरी!*️️️️️️️प्राची ओर अट्टहास,मेघ घूमे रवि पास,तन मन भर उठा,*नीर दिया ढेर तू!* भाद्रपद अब आया,एक दिन हो न जाया,इन्द्र को भी बोल देना,*सुन लेना टेर तू!* प्रसन्न कृषक मन,हरित पठार वन,संतुलित वृष्टि लिये,*मेघ नभ घेर तू!* शुभ भोर दिन खास,परिणत वत्स आस,जग सुखी रखो राम,*मत कर देर तू!* --राजेश पान्डेय वत्स!0812 23 … Continue reading सौम्य सवेरा

सौम्य सवेरा

#राजेशपान्डेयवत्स सौम्य सवेरा!छंद _मनहरण घनाक्षरी_️️️️एक ज्ञान एक दीक्षा,करें काम मेरी इच्छा,आप भी समेंट लेवें,*बिस्तर की बोरियाँ!* गुन्जित गगन गीत,दूर रवि मनमीत,आनन्द से भर जाये,*मन की तिजोरियाँ!* दूध-दही वाला ग्वाला,जन्म दिन बंशीवाला,अब फिर देख डालूँ,*माखन की चोरियाँ!* वत्स मुख राम राम,सब कहे घनश्याम,भोर-भोर कान्हा कहें,*गोपी हो कि गोरियाँ!!*➖➖➖➖➖➖➖➖➖*श्री कृष्ण जन्म!*連8️⃣連8️⃣連8️⃣連8️⃣連घनघोर अंधकार,निशानाथ चन्द्र वंश,अष्टमी के चन्द्रोदय,*जन्म दिन … Continue reading सौम्य सवेरा

आज का रँग-गाइड के सँग

--- #राजकुमारअरोड़ागाईड 😫😠😅🤪😩😠😅🤪😜🥺नेता जी की आलीशान कार सिग्नल पररुकी तो झण्डा बेचने वाला नन्हा सालड़का कार के नज़दीक आया,नेता जीने झण्डा नहीं खरीदा पर पूछा- कभीझण्डे,कभी खिलौने,कभी पेपर,कभीरुमाल,क्या नहीं बेचते तुम?बच्चे नेउत्तर दिया…देश…!!!एनर्जी का मतलब-बनर्जी द्वारा जमाकी गई वह असीम शक्ति है,जो चटर्जीके जरिये मुखर्जी के घर जमा की गई हो!एक बार की बात एक … Continue reading आज का रँग-गाइड के सँग

सौम्य सवेरा

-- #राजेशपान्डेयवत्सछन्द :- मनहरण घनाक्षरी!杖杖杖杖पुण्य क्षण समीचीन,ग्यारस पुत्रदा दिन,चले आये दिनकर,भोर पट खोलने! उपवासी नर-नारी,हाथ लिये कांस थाली,पखारने पग चले,पंच-सुधा घोलने! पूजन हो रंगारंग,सावन समीर संग,आरती में तुलसी के,पत्ते लगे डोलने! शुभ भोर सुखी जन,काँवर से बन-ठन,दयामय राम मेरे,वत्स लगा बोलने! --राजेश पान्डेय वत्स!0808 18 ©MPP6065K 0730(श्रावण पुत्रदा एकादशी,२०७९)#राजेशपान्डेयवत्स #सौम्यसवेरा 🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊🎊 #rajeshPandey #सौम्य सवेराछंद- मनहरण … Continue reading सौम्य सवेरा

सुरेश पंचोली

मेरी प्यारी बेटी प्रिंसेस" इशिका पंचोली" के जन्मदिन पर विशेष।"बेटियां गुरुग्रंथ की वाणी,बेटियां वैदिक ऋचाएं हैं।जिनमें खुद भगवान बसता है,बेटियां वे वन्दनाएं हैं। त्याग, तप, गुणधर्म, साहस कीबेटियां गौरव कथाएं हैं।मुस्कुरा के पीर पीती हैं,बेटी हर्षित व्यथाएं हैं"... सुरेश पंचोली✍️ पत्रकारमहेन्द्रगढ़,हरियाणा

अरविन्द अकेला

मुस्कुराती रहे मेरी हिन्दी जग में चँहुओर आज दिवस है जन गण मन की हिन्दी का,मिलकर बढ़ायें हम सब हिन्दी का मान,मुस्कुराती रहे मेरी हिन्दी,फैले धरती आसमानबढ़े गरिमा हिन्दी की,मिले नयी पहचानमुस्कुराती रहे मेरी हिन्दी…। सुर, तुलसी, कबीर, खुसरो की यह भाषा,रहीम, रसखान, जायसी की यह आशा,लाल, बाल, पाल ने डाली इसमें जान,हिन्दी से हो … Continue reading अरविन्द अकेला