लल्लू भिखारी धर्मशाला

#दिनेंद्रदासप्रेरक कहानी*लल्लू भिखारी धर्मशाला*          मंत्री जी रोज मंदिर में भगवान के दर्शन करने जाते और मंदिर से बाहर निकलते समय गेट पर वही भिखारी उसे रोज मिलते । मंत्री जी उसे सौं रुपये देते हैं तब  भिखारी उसे कहता, "जितना दोंगे कम है।"               मंत्री जी को भिखारी की बातें बुरी लगती है, परंतु उन्हें … Continue reading लल्लू भिखारी धर्मशाला

नीलम व्यास

आपदा प्रबंधन,,,कहानीजीने की राहनारायण जी रिटायर अध्यापक है।आज उन्हें राष्ट्रपति सम्मान से नवाजा गया।अखबार में समाचारों में उनकी ही घूम थी।साधारण व्यक्तित्व के होकर भी असाधारण काम जो उन्होंने किया था।आज घर पर प्रसिद्ध अखबार के पत्रकार इंटरव्यू के लिए आए तो उनसे बातचीत हुई उनके जीवन के महत्त्वपूर्ण पुरुस्कार की,,तो वे मुस्करा पड़े व … Continue reading नीलम व्यास

दिनेंद्र दास

कहानीकोरोना मंदिर क्षितिज पर सूरज की लालिमा बिखर रही थी । प्रातः काल का सुनहरा दृश्य, ठंडी हवा चल रही थी।मैं मॉर्निंग वॉक करता हुआ सड़क पर चल रहा था। सड़क के किनारे बोर्ड में कुछ लिखा देखा। मुझे कम समझ आया। मैंने चश्मा लगा कर पुनः देखा कि कहीं मेरी आंखें गलत तो नहीं … Continue reading दिनेंद्र दास

दिनेंद्र दास की कहानियां

कहानीनौकरानी "गऊंटनिन आप..., आप मुझे अपनी नौकरानी बना लीजिए। मैं ईमानदारी से आपके यहां सुबह से शाम तक घर का सारा काम करूंगी।" गऊंटनिन बोली-" मुझे नौकरानी की जरूरत नहीं है। मैं खुद अपने घर का काम कर लेती हूं । मैं तुम्हें क्यों काम पर रखूं ।तुम्हारे पीछे मैं रुपये क्यों बहाऊं?" मंगला हाथ … Continue reading दिनेंद्र दास की कहानियां

रमा बहेड

जैसी करनी वैसी भरनी " दगा किसी का सगा नहीं अजमा के देख लोमिले रेत में गर्व कोई गर्वा के देख लो"किसी कवि की कही गई ये पंक्तियांँ शत प्रतिशत सही है। एक कहानी द्वारा मैं इसकी सत्यता प्रमाणित कर रही हूंँ_पुराने जमाने की बात है , एक शहर में जज साहब रात के समय … Continue reading रमा बहेड

दिनेंद्र दास

असली जगदंबा विवेक अपने मित्र धरम से मिलने उनके घर गया। धरम की वेशभूषा से ऐसा लग रहा था कि यह कोई बहुत बड़ा पुजारी है। कमर में गेरुआ धोती, बदन में केवल जनेऊ, मस्तक में लाल चंदन, गले में रुद्राक्ष की माला, सिर पर मां के नाम का लाल फीता और जटा, दाढ़ी बढ़ी … Continue reading दिनेंद्र दास

सुभाष अरोड़ा

--- सुभाष अरोड़ाश्राध एक यादमैं रमणी हूं प्रतीक की पत्नीआज का दिन मेरे लिए बेहद शुभ दिन था।यहां वृद्ध आश्रम में हर साल मेरा आना होता है और मन से कर्म से मुझसे जो बेहतर बन पड़ता है मैं करती हूं।खाना खाने से खीर खाने तक सभी वृद्ध व वृद्धाओं को देखती रहती हूं, पता … Continue reading सुभाष अरोड़ा

समता “अरुणा”

🌺भूरे बालों वाली गुड़िया🌺🌺#लंबी कहानी🌺 "भोलू ,इस बार होली के मेले से मैं भूरे बालों वाली गुड़िया लाऊंगी।' मुन्नी ने खुश होते हुए कहा।" गुड़िया लाऊंगी, शक्ल देखी है अपनी, बिल्ली कहीं की।भोलूं ने जीभ दिखाते हुए मुंह बनाया।तू क्यों चिढ़ता है रे? मैं गुड़िया क्यों नहीं ला सकती?मुन्नी ने हाथ नचाया।"पैसे कहां से लाएगी? … Continue reading समता “अरुणा”

सुभाष अरोड़ा

--- सुभाष अरोड़ाविछोहजीवन आगे बढ़ रहा है पर समझ में नहीं आता कि यह कैसे आगे बढ़ रहा है चूंकि हम तो वहीं पर रूके हुए हैं जहां से हमनें सफर शुरू किया था फिर ऐसा क्या था कि जो वक़्त आगे बढ़ता जा रहा था,रूक नहीं रहा था।समझ नहीं पा रहे थे या कुछ … Continue reading सुभाष अरोड़ा

समता “अरुणा’

🌸 #कहानी 🌸- किरण - " बिटिया, दरवाजा खोलो।'सावित्री मिठाई का डिब्बा लेकर किरण के घर के दरवाजे पर खड़ी थी। किरण आवाज़ सुनकर तुरंत पहचान गई ।"आई ताई जी' कहकर दरवाजा खोल दिया। दुआ -सलाम हुई तो सावित्री ने आशीर्वाद की झड़ी लगा दी ।" बैठिए ताई जी' किरण ने चौकी आगे सरकाते हुए … Continue reading समता “अरुणा’