हिंदी भाषा

               ---- राशि श्रीवास्तवहिंदी को न रहने दो, एक दिवस तक सीमित तुमलिखो, पढ़ो, समझो और बोलो, बस हिंदी ही हिंदी तुम साल में एक दिन आता जो, मैं भाषा हूं, त्योहार नहींहर भारतवासी का गौरव, करते क्यों सत्कार नहीं मातृभाषा जो कहते हैं, वही अनादर करते हैंमेरे शब्दों को लिखने में, प्रयोग क्यों इंग्लिश … Continue reading हिंदी भाषा

हिन्दी तुम कैसी हो ?

           ---- डॉ इन्दिरा  गुप्ता  यथार्थहे हिन्दी मेरी क्या हो तुमउलझन भरी पहेली तुम,जीवन में रही अकेली तुम,नव दुल्हन नई-नवेली तुम,॥ वफ़ा की सूरत  हो तुम,कितनी हसीं मूरत हो तुम,शायद परियों जैसी तुमजाने हो हिन्दी कैसी तुम ? तुम मंजिल हो कुछ बातों की,तुम माला हो एहसासों की,तुम बोली हो निगाहों की,तुम रही आरज़ू आहों … Continue reading हिन्दी तुम कैसी हो ?

हिन्दी-मेरी पहचान

           ---- आभा मुकेश साहनीमैं हिंद की हूँ वासी और हिंदी मेरा मानरग-रग में बसी मेरे हिन्दी मेरी पहचान संस्कृत की यह तो बड़ी लाड़ली बेटीमुझे लगती यह सौंधी सुगंध सी मीठीएकता की है परम्परा हम सब की शानरग-रग में बसी मेरे हिन्दी मेरी पहचान भारत माँ के माथे सजे स्वर्णिम सी बिंदीहिन्दी ही हमारे … Continue reading हिन्दी-मेरी पहचान

चलो हिन्दी दिवस मनाएं…..

              ------ कुंती नवलजी हां हिंदी हूं मैंहिंदुस्तान हूंभारत की पहचान हूंबहु भाषी देश मेरासब भाषाएं  हैं सहोदरामुक्ताहार मध्यम मणिबन कर करती हूं अलंकार तेरा।।कश्मीर से कन्याकुमारी तक बोली जातीसमझी जातीस्वत्रंता संग्राम में थापूर्ण अधिकार मेरावंदे मातरम् हूं मैं।।राष्ट्रीय भाषाओं कीकर्णधार बन करमातृ भाषाओं कासुंदर परिवार है।।हिन्दी ने पाया दर्जा राजभाषा बनीसंविधान में 14सितंबर को … Continue reading चलो हिन्दी दिवस मनाएं…..

एक शाम शहीदों के नाम

    --- डॉ वसुधा पु.कामतएक शाम शहीदों के नाम,देशवासियों, सुनो मेरा पैगाम,कभी शहीदों की गलियों में जाकर देखना,कभी उनकी आवाज सुनकर देखना,कहता है हर एक शहीद,सुन मेरी मां, आया था मैंतेरे लाल रंग से लाल बनकर,तेरी कोख से तेरा दीपक बनकर,खायी थी कसम मैंने तेरी ही कोख में,आऊंगा,मैं दुश्मनों को उडाने,बचाऊंगा मैं मां भारती को,उनके … Continue reading एक शाम शहीदों के नाम

रोई होगी भारत माता

  -- डॉ इन्दिरा  गुप्ता  "यथार्थ "खण्ड खण्ड से खण्डित होकररोई होगी भारत माता विस्थापित से भाव हो गयेकरुण सिक्त मन भर सा जातारक्त बूँद जब बहती सुत कीमातृत्व हृदय छिल सा आता ॥ कर्णधार हर इक आभूषणयुग परिवर्तक लगे विहंगमधीर वीर हर सैनिक कहतासमर धरा लगती  है संगममुक्ता मणि सुता लड़ीयों सेश्रृंगार रूप भर … Continue reading रोई होगी भारत माता

अखंड भारत

         --- मुकुट अग्रवालखंडित भारत की आजादी, करते हम स्वीकार नहीं!हो अखंड फिर भारत अपना, पहले सा विस्तार वही!!काबुल, बर्मा, लंका, सिंधु, तिब्बत, मालदीव भूटान!भारत हो जाए फिर सारा, हो भगवा का एक निशान!!भारत माँ के बेटे सारे, खाते हैं सौगंध प्रचंड!चैन नहीं पल भर का हमको, जब तक ना हो देश अखंड!!    --- … Continue reading अखंड भारत

खिवैया

        --- एस एल 'सुबोधकांटों पर सोने वाला था..क्या जाने फूलों की सैया।बड़ा सलोना भगत सिंह थान भूल सकी उसकी मैया। कहाँ गया बंगाली बाबू..अब कौन बताएगा भैया ।जहाज हुआ बेकाबू थासिर रहा घूम.. काल-पहिया। लाला लाजपतराय वीर थाहुई खूब लठ मार पिटैया ।लेकिन हार नही मानी थीथा वीर शेरनी का जैया । महत्वाकांक्षी था … Continue reading खिवैया

छप्पन इंच का सीना

                 ---डॉ• मुक्ताबच्चा-बच्चा इस देश कालगा रहा एक ही ग़ुहारछप्पन इंच का सीनादिखला दोमोदी जी इस बार सबकी नज़रें टिकीं तुम परआर-पार का युद्ध करोपूरा देश खड़ा आपके साथसबको है तुम पर विश्वासआंख उठा कर देख न पायेधूल चटा दोदुश्मन को इस बार रोज़-रोज़ सीमा परसैनिकों परपत्थरबाज़ी की घटनाएंअंतर्मन को कचोटतींऔर निर्दोष सैनिकों की हत्याएंअब … Continue reading छप्पन इंच का सीना

आज़ादी

     -- डॉ बबिता गर्ग सहरकविता पाठ करेगी,मंच पर जाकर पराये मर्दों के साथ बैठेगी। नहीं बिलकुल नहीं। मेरे घर में यह सब नहीं चलेगा। नीलेश की आवाज़ आज भी दुर्गा को रह रह कर झकझोर देती है। कितनी चाहत थी कविता पाठ करने की। विधालय में ,कॉलेज में हमेशा काव्य पाठ में प्रथम आती … Continue reading आज़ादी