नीलम व्यास

मेरी बात पर वो तेरा खुल कर मुस्करा देना।यू लगा अल्फाज़ो को मिरी दाद मिल जाना।नीलम व्यास वाह किस किस दर से गुजर कर मुझ तक आते हो।अनेक खुशबुएँ एक साथ समेटे आते हो।नीलम व्यास मैं हर हाल में वफ़ा ओ दुआ ही दूँगी तुम्हें।नफरत दो,बेरुखी दो चाहें मुँह मोड़ लो मुझसे।नीलम व्यास बहुत से … Continue reading नीलम व्यास

गणेश यदु

नासमझ मैं नादान रहाखुद से मैं अनजान रहापुजता रहा मैं पत्थरों कोमां बाप जैसे घर में भगवान रहा गणेश यदु✍️ कर्म के जोगी कर्म करअधर्म नहीं तूं धर्म करमानव जीवन व्यर्थ न जाएइंसान ऐसा तूं सत्कर्म कर गणेश यद✍️ अभी तो सिर्फ जलजला उठा हैअभी तूफान उठनी बाकी हैनन्हे कदमों को संभलने तो देअभी हौसलों … Continue reading गणेश यदु

#नदीम खान

जख़्म सारे भर जाएँगे, तु हाथ उठाकर देख! रंगत फिर से लौटेगी, तु सर झुकाकर देख!! मुझे यकीन हैं मेरा ख़ुदा, मायूस नहीं करता! राह-ए-ख़ुदा में तु ज़रा,खुद को मिटाकर देख!!— नदीम खान

कुछ क़तआत

प्रस्तुति: राकेश कुमार मिश्राअमलदार नीहारहिन्दी विभागश्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बलिया (1)इधर जमहूरियत का क़त्ल कि उधर है दौरे-जामो-जश्नसुना है कि हुजूर किसी रक्कासा की दर पे जा बैठे हैं। (2)किसी भी खोल में रहो, किसी भी खाल में, छिप नहीं सकते,ज़माने की काइयों पे काइँयों को फिसलते देखा है। (3)तुम मदारी के कहे … Continue reading कुछ क़तआत

दर्द- ए- दिल

        --- अनिल कुमार यादव 'अनुराग'पता नहीं आज वो क्यूॅं इतना मगरूर हो गया। भुला दिया प्यार या नफरत में मजबूर हो गया। चाह बहुत थी एक दूजे के दिल में रहने की, लेकिन पास होकर भी वो मुझसे दूर हो गया। ✍️ अनिल कुमार यादव 'अनुराग'

बात बहुत है

                         ---गणेश यदुकभी मुलाकात हो तो बात बहुत हैकुछ अनकहे दिल में अल्फाज बहुत हैकौन कहता है तुम्हें बारिश खत्म हो गईअब भी हमारी आंखों में बरसात बहुत है। गणेश यदु✍️

शायरी

                   --- कवि कुमार निर्मलनज़रअंदाज़ करना गरचे ख़ता हो जाएमुमक़िन है दुआ से राह हम सही पाएं।●●●●●●●●●●●●●●●रुख़्सत हो न बच पाओगेदेहरी पार कर- शर्माओगे।●●●●●●●●●●●●●●●दायरों में- क़ायनात समेट रखा हैअहबाब हो-  रूह में समा रखा है।●●●●●●●●●●●●●●●श्याही बिखेरते हीं- चिलमन से बाहर चले आते होउकेरी लकिरें पकड़ तुम हुश्न की कज़ा फ़रमाते हो।●●●●●●●●●●●●●●●

कुलदीप कुमार नौगिया की शायरी

        --- कुलदीप कुमार नौगियाबात लिखूंगा ,जज्बात लिखूंगा |उठा दी कलम जो मैंने एक बार, तो सुन बेटा तेरी औकात लिख दूंगा || ############### काश तुमसे मुलाकात ना होती,        बातों बातों में वो बात ना होती |    अरे हम अपनी बदनामी तो सह लेते पगली ,     पर तू भी हमारे साथ यू बदनाम ना होती … Continue reading कुलदीप कुमार नौगिया की शायरी

पर प्यार नहीं हो सकता है   

           . ---- कपीश माहेश्वरीदिल टूट गया है मेरा,किरदार नहीं हो सकता है,उन सुहानी बातों का प्रचार नहीं हो सकता है,मगर फ़िर भी भरोसा है बस दिल को इतना-सा,बेवफ़ा वह हो सकती पर प्यार नहीं हो सकता है। =======================बात तो साथ की थी पर शरणार्थी निकले,हमारे दिल की बैचैनी को सारे प्रार्थी निकले,हमने बहुत सोचा था … Continue reading पर प्यार नहीं हो सकता है