प्रस्तुति:राकेश कुमार मिश्रा

कबीर के उलट रकीब---------------------------कबीरदास भारतीय भक्तिकाल के सबसे पहले जन्मजात तथा बड़े कवि होने के नाते साथ साथ सबसे बड़े आधुनिक भारतीय कवि और विश्व कविता को भारतीय चुनौती हैं। कबीर संभवतः अकेले कवि हैं जिन्हें एक साथ बहुविध अर्थों में धार्मिक और सेक्युलर कहा जा सकता है। धर्म का एक अर्थ मज़हब से है। … Continue reading प्रस्तुति:राकेश कुमार मिश्रा

रामबाबू शर्मा,राजस्थानी

.                              निबंध           *साहित्य और वाट्सएप**प्रस्तावना*साहित्य और वाट्सएप की समझ* साहित्य और वाट्सएप का आपसी तालमेल*वर्तमान में आवश्यकता*उपसंहार■ *प्रस्तावना*:- मनुष्य सामाजिक प्राणी है,उसके जीवन में जन्म से लेकर मरण तक की यात्रा में साहित्य का बहुत बड़ा महत्व है।सही मायने में देखा जाये तो साहित्य के बिना व अधुरा है।वह साहित्य के हिसाब से ही जीवन … Continue reading रामबाबू शर्मा,राजस्थानी

कमल कालु दहिया

प्रकृति के आवरण को पुनः शृंगार देना होगा 🙏🌹…. कितना खुबसुरत होता है वो मोबाइल स्क्रीन का वॉलपेपर, जिस पर कहीं पौधों की छाँव, कहीं नदियों व समुन्दर का मिलन तो कहीं प्यारे - प्यारे बगूलों का रोमांच। कहीं कोयल के पंख, कहीं क्षितिज़ की आभा और कहीं नग्न चाँद का संसकरण। पर मेरे मित्रों … Continue reading कमल कालु दहिया

विनोद कश्यप

दूषित होता पर्यावरणऔर हम-------------------------स्वयं को स्वास्थ एवं संतुलित बनाए रखने के लिए सर्वप्रथम आवश्यक है कि हम पर्यावरण के मूलभूत घटक धरती, वायु, पेड़-पौधे, अपनी व जीव-जंतुओं की रक्षा करें, क्योंकि इनके तालमेल से ही पर्यावरण संरक्षित रहता है।मानना होगा कि निरन्तर बढ़ते औद्योगिकीकरण, वनों के कटाव, नदियों-नालों व समुद्र में कूड़े - कचरे व … Continue reading विनोद कश्यप

शैलेन्द्र सिंह शैली

♀ जीवनदायिनी पेड़ ♀=============स्कंद पुराण में एक सुंदर श्लोक है:- *अश्वत्थमेकम् पिचुमन्दमेकम् न्यग्रोधमेकम्  दश चिञ्चिणीकान्।**कपित्थबिल्वाऽऽमलकत्र**ञ्च पञ्चाऽऽम्रमुप्त्वा* *नरकन्न पश्येत्।।* अश्वत्थः = पीपल (100% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)पिचुमन्दः = नीम (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)न्यग्रोधः = वटवृक्ष(80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)चिञ्चिणी = इमली (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)कपित्थः = कविट (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)बिल्वः = बेल(85% … Continue reading शैलेन्द्र सिंह शैली

राजकुमार अरोड़ा गाइड,

💐 दिल की बात,आप सब के साथ💐यह बात तो परम नितान्त अमिट सत्य है कि हम सब की जिन्दगी मेंसीखने की प्रक्रिया तो आजीवन चलती है। कोई भी सम्पूर्ण नहीं होता।हम सभी रचनाकार सरस्वती उपासक है,लेखन में शब्द/मात्रा बदलने से रचना मेंसौंदर्य आ जाता है। साहित्यिक ग्रुप्स तो परस्पर एक दूसरे को शब्द व भाव … Continue reading राजकुमार अरोड़ा गाइड,

प्रस्तुति:-शैलेन्द्र सिंह शैली

प्रस्तुति:-शैलेन्द्र सिंह शैली_राजस्थान की एक प्रथा घुड़ला पर्व- मुगलो को उनकी नीचता के अनुरूप दंड का पर्व_ देश और समाज के लिए राजपूतो ने क्या किया ये गिनाने की आवश्यकता नही। पर हिन्दुत्व को बचाने के लिये आपके द्वारा इस सत्य से हिन्दुओं को अवगत कराना आवश्यक है नही तो कालांतर मे अर्थ का अनर्थ … Continue reading प्रस्तुति:-शैलेन्द्र सिंह शैली

डॉ इन्दिरा गुप्ता यथार्थ

ऑनलाइन पढ़ाई और बच्चों पर उसका प्रभाव यू तो हर बात के दो पहलू होते है सकारत्मक और नकरात्मक । पर मुख्य विचार है कौन सा पहलू कितना अधिक प्रभावकारी है ॥हम जानते है नित्य प्रति विचारों मेंं नवीनीकरण अति आवश्यक है। और ये समय की मांग भी है । समय सामयिक विकास के लिये … Continue reading डॉ इन्दिरा गुप्ता यथार्थ

ड़ा इन्दिरा गुप्ता यथार्थ

फ़िर लॉक डाउन करोना का कहर …. हद सी ही होती जा रही है अब तो …कोरोना कम पर उसका कहर का असर अधिक व्यापक होता जा रहा है । एक अनदेखा भय जो जातिवाद जैसे वाद से अधिक भयानक और अकाल के दुष्परिणामो से भी अधिक विद्रूप रूप लिये हमारे दिल और दिमाग पर … Continue reading ड़ा इन्दिरा गुप्ता यथार्थ

राजकुमार अरोड़ा गाइड

💐 कुछ मोती ऐसे,कोहेनूर जैसे 💐 कुछ शब्द या पंक्तियां ऐसी होती हैं जो जिन्दगी में मन को छू जातीं हैं,अगर उनका मनन कर के व्यवहार में ले आएं तो जिन्दगी ही बदल देतीं हैं।शब्द भले ही निःशुल्क लेकिन यह चयन पर कीमत मिलेगी या चुकानी होगी।पिछले 45-50 वर्षों से मैं जब भी कोई अच्छा … Continue reading राजकुमार अरोड़ा गाइड