रामधारी सिंह दिनकर

                    --- डॉ०विजय लक्ष्मीसाहित्य जगत के वह हस्ताक्षर,हमारे रामधारी सिंह "दिनकर"व्यक्तित्व में सूर्य समान चमक,ललाट में दिनकर की दमक, रामधारी सिंह दिनकर ओजस्वी,राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत कवि,पिता एक साधारण किसान,माँ ने किया लालन-पालन, साहित्य सृजन रुचि अनुरुप,कविताओं में तेजस्वी स्वरुप,मानवीय प्रेम की कहानी,उर्वशी ज्ञानपीठ से सम्मानित, रचनाएं परशुराम की प्रतीक्षा, हुँकार,मिला१९५९में साहित्य अकादमी पुरस्कार,क्रांति, विद्रोह, राष्ट्रीयता, … Continue reading रामधारी सिंह दिनकर

काव्यांजलि

सविता मिश्रा जन्म हुआ 23 सितंबर सन 1908 में, सिमरिया घाट बेगूसराय बिहार राज्य मेंl1l थे लेखक, निबंधकार और कवि, थे ओजस्वी राष्ट्र भक्ति से ओत-प्रोत कवि l2l हिन्दी के कवियों में था पहचान राष्ट्रकवि की, हिन्दी साहित्य के थे प्रसिद्ध कवि भी l3l श्री रवि सिंह था नाम पिता का, श्रीमती मनरूप देवी नाम … Continue reading काव्यांजलि

दिनकर ओज के कवि

                  ---- नीलम व्यासकवि रामधारी सिंह दिनकर जी।पिता रवि सिंह माता मनरूप थी।23 सितंबर 1908 जन्मतिथि थी।24 अप्रैल 1974को  मृत्यु हुई थी।। सिमरिया ,बेगूसराय निवास हुआथा।दो वर्ष की उम्र में पिता मृत्यु हुई थी।1928 में मेट्रिक ,1932 बी ,ए कियाथा।संस्कृत ,बंगला,अंग्रेजी ,उर्दू में पढ़े लिखे थे। छायावादोत्तर कवि,आजादी से पहले विद्रोही कवि थे।आजादी के बाद … Continue reading दिनकर ओज के कवि

काव्यांजलि

                        ----सविता मिश्राजन्म हुआ 23 सितंबर सन 1908 में,सिमरिया घाट बेगूसराय बिहार राज्य में l1l थे लेखक, निबंधकार और कवि,थे ओजस्वी राष्ट्र भक्ति से ओत-प्रोत कवि l2l हिन्दी के कवियों में था पहचान राष्ट्रकवि की,हिन्दी साहित्य के थे प्रसिद्ध कवि भी l3l श्री रवि सिंह था नाम पिता का,श्रीमती मनरूप देवी नाम था माता का … Continue reading काव्यांजलि

राष्ट्र कवि दिनकर

           ---- चंचल हरेंद्र वशिष्ट'दिनकर' ने बन कर दिनकर, साहित्य में किया उजालाहे मनुज आज तूने उस  राष्ट्र कवि को भुला डालाहम वंशज है तुलसी,सुर,कबीर ,नानक केहमसे ही फिर निकलेंगे महादेवी,प्रसाद और निराला। चंचल हरेंद्र वशिष्टनई दिल्ली

दिनकर जी

   ---स्वाति'सरु'जैसलमेरियाआपके काव्य शब्दऊंच नीच का भेद न मानेवही श्रेष्ठ ज्ञानीदया धर्म जिसमें होवही सबसे पूण्य प्राणीक्षत्रिय वही  भरी हो जिसमेंनिर्भयता की आगसबसे श्रेष्ठ वही ब्राह्मण हैजिसमें तप त्याग आपको समर्पित मेरे भाव हे जनकविनमन है बारम्बार,काव्य को दियाआपने श्रेष्ठ मुकामहिंदी साहित्य कोदिया विश्व भर में पहचान जन जन के प्रेरणास्रोत बनेराष्ट्र भक्ति का गौरव … Continue reading दिनकर जी

महान दिनकर

            ---- पायल पांडेय ‘गीतानिल’जिनके शब्दों में सच के उद्गार प्रबल थे,जिनके बोलों में नवीन सृजन के हर आधार सबल थे,जिनका सिर झुका नहीं कभी अन्याय आगे,जिनकी लेखनी विचलित न हुई कठोर न्याय के आगेजिनकी व्यक्तित्व की व्याख्या के आगे, बौना पड़ जाए वितान अम्बर का,कहां से लाऊं वो शब्द जो कर सके व्याख्यान महान … Continue reading महान दिनकर

रामधारी सिंह दिनकर

                  ----- भास्कर सिंह माणिकदिनकर सा तेजवान महान था दिनकरवीरक्त की अनुपम पहचान था दिनकर किसान का दर्द समझता था किसान का बेटामाटी की पीर समझता था हिंदुस्तान का बेटाछायावादोत्तर की प्रथम सीढ़ी था दिनकरपराधीनता सह न सका भू भारती का बेटा अंग्रेज कांपने लगे विद्रोही तेवर देखकरदिनकर सा तेजवान महान था दिनकर शिक्षा को … Continue reading रामधारी सिंह दिनकर

दिनकर

               ---- मधु वैष्णव "मान्या"अति तेजस्वी शब्दों का देदीप्य,साहित्य साधना के ओज बने दिनकर।अद्भुत यथार्थ चित्रण की शिल्पकला,सामाजिक दीप्ति की परिभाषा बने दिनकर।क्षुधित जीवन गरल अनय में,मनुष्य मन की चिंगारी बने दिनकर।मधु मनन चिंतन के सांस्कृतिक दर्पण ,शब्दों के शर से अमर बने दिनकर।     मधु वैष्णव "मान्या"स्वरचित मौलिक विधा मुक्त रचना

रामधारी सिंह दिनकर

               ----- साधना मिश्रा विंध्यसाथ लेकर चले हौसला सूर्य सावीर रस से दिलों में समाते रहेमान ऊचा किया लेखनी से सदासूर्य जैसे थे दिनकर कहांते रहे। वीर रस से दिलों मे समाते रहेज्ञान दीपक अमर वे जलाते रहेअमृत मंथन में भर  प्रेम कोज्ञान पीयूष सबको पिलाते रहे । साथ लेकर चले हौसला सूर्य सा वीर … Continue reading रामधारी सिंह दिनकर