#राजकुमारअरोड़ागाईड

💐 आज का रँग-गाइड के सँग 💐😫😠😅🤪😩😠😅🤪😜जिन्दगी ने सवालात बदल डाले…वक्तने हालात बदल डाले…हम तो आज भीवही हैं…बस लोगों ने अपने ख़्यालातबदल डाले…!!!व्हाट्सएप का सबसे बड़ा फायदा ये हैकि बहुत सारी औरतें आपस में बातकरती हैं फिर भी आवाज़ नहीं होती…!इतना तो बगुला भी…मछली पकड़ने के लियेचोंच नहीं निकालता होगा…जितना ये लड़कियाँआजकल,सेल्फी लेने के समय … Continue reading #राजकुमारअरोड़ागाईड

कृष्णा सेन्दल

😂😂😂😂😂हास्य व्यंग😂😂😂😂 एक कस्टमर केयर वाली मैडम ने एक लड़के को रात को फोन लगाएं 8:00 बजे,उसने पूछा क्या मैं कालूबा का छोरा से बात कर सकती हूँ। छोरा बोला कालुबा का छोरा वही बोल रहा हूं बोलिए।😂 कस्टमर केयर वाली बोली:- सर आपके फोन से पहले रात- रात भर कॉल होती थी आजकल बंद … Continue reading कृष्णा सेन्दल

नीलम व्यास

मनोरम छंदबीबी पुराण,,हास्य व्यंग्य विधा जीव मेरा रोय जाता,हाय देखो आज दाता,दौड़ मेरी रोक लेना,लाज को तू रोक देना। मार बीबी है खिलाती,छोड़ पीना वो सिखाती,औरतें क्यों ये सताती,प्रेम प्यारी है जलाती। बेवफ़ाई ना सुहातीआशिकी ये है भुलाती,कामना को हैं मिटाती,रागिनी वो है सुनाती। जालिमा दौड़े भगाए,राह पे काँटे बिछाए,देख के नैना नचाए,हाय कैसी वो … Continue reading नीलम व्यास

कैसन भैया बात बताई

अवधी और खडी़ भाषा में कुछ हास्य एवं प्रेम से युक्त👇🏻 कैसन भैया बात बताई।अब तक कै हम सार सुनाई।चार साल से आय रहेन है।सब धर गाथा गाय रहेन हैं।मुख मंडल मा लाला पड़िगें।पावन मा अब छाला पड़िगें।तबौ मुख पर हंसी नहींना।लड़की कौनिव फंसी नहींना। अब आवेै केै इच्छा नाहिन।कौनिव दियब परीक्षा नाहिन।मन मा हमहूँ … Continue reading कैसन भैया बात बताई

हुनर

◆◆◆ निर्मल जैन' नीर' ◆◆◆रख हुनर~आसान हो जायेगायह सफ़र•नाज़ों सा पला~फिर क्यों ये जीवनकाँटों सा खला•कोई न सगा~वो हैं हुनरबाजदे  गये  दगा•जीना है कला~छाछ में फूँक मारेदूध का जला•*****************निर्मल जैन' नीर'ऋषभदेव/उदयपुरराजस्थान

अब बुढ़िया भी यहाँ जवान लगती

●●● अरविन्द अकेला ●●●वाह ,क्या जमाना आ गया है,अब बुढ़िया भी यहाँ जवान लगती है ,लेती वह अब अच्छी खासी खुराक,वह तंदुरुस्त व पहलवान   लगती है। पहले की तरह सिर्फ साड़ी नहीं पहनती,जींस,स्कर्ट,सलवार पहनती है,वह नहीं रही पहले सी परम्परागत,अब वह पश्चिमी सभ्यता में ढलती है। अब वह भी करती सोलह शृंगार,इस उम्र में भी … Continue reading अब बुढ़िया भी यहाँ जवान लगती

घर-घर में विद्वान(व्यंग्य रचना)

●● मास्टर भूताराम जाखल ●●अंग अंग में समा अभिमान,कमतर रखते हैं जो नर ज्ञान।अपनी डफली अपना राग सुनाये,घर-घर बैठे घर-घर में विद्वान।। कुछ नहीं वे किसी को जानते हैं,अपने आप को विद्वान मानते हैं।रहो आप सभी सावचेत जनाब,जो घर-घर में स्व को विद्वान मानते हैं।। जो गधे को घोड़ा बताते हैं,पराए को अपना जताते हैं।अक्ल … Continue reading घर-घर में विद्वान(व्यंग्य रचना)

गिरी और लगी(हास्य रचना)

■ चंचल हरेन्द्र वशिष्ट ■एक दिन हो गई थी,घर से निकलने में थोड़ी सी देर,स्कूल का समयथा आठ बजे का,पर आठ तो बज चुके थे आज घर पर ही,पर अब क्या करती खैर झटपट पहुंची,भागती दौड़ती मैं स्कूल,आॅफिस में प्रिंसिपल नेघड़ी की और आँखे घुमाते हुए,मेरी और आंखे घुमाईंमैं थोड़ा सकपकाई और,तुरंत उन्हें कारण बताया … Continue reading गिरी और लगी(हास्य रचना)

हास्य कविता – पण्डित जी

◆◆◆अलकाकृति◆◆◆शाम को निकले घर से हम,अमीरी का पाल के भ्रम।देख के मुझको पण्डित जी,कुछ यूँ बोले भरके दम।तुम पर राहु केतु की,बुरी नज़र है शनि की। सुनकर रह गए हम भी सन्न,पण्डित बोला क्या हम भी हैं कम।घबराने की कोई बात नहीं,इनकी भी कोई जात नहीं।जल्दी से 501 निकालो,राहु केतु शनि को भगा लो। मैं  … Continue reading हास्य कविता – पण्डित जी

(हास्य रचना)करवा चौथ

                 ---- अनिल अनुरागलड़कियाॅं भी अब खूब करवा चौथ मना रही हैं।हैं कुॅंवारी मगर खुद को सुहागन दिखा रही हैं। बाबू, सोना, जानू, जानेमन तक तो ठीक था,किन्तु आज वो कई लड़कों को पति बता रही हैं। ये जमाना भी देखो गजब आ गया है यारों,औरतों का व्रत जो उसे लड़कियाॅं उठा रही हैं। साल … Continue reading (हास्य रचना)करवा चौथ