श्याम कुंवर भारती

भोजपुरी सोहर गीत - 1.यशोदा के ललनवा । बाजे ला बाजा नंद के अंगनवा ।जनम भइले कान्हा यशोदा के ललनवा ना हो। गोकुला मे नाचे लोग होई के मगनवा ।घरे घरे बाजे खूब बजनवा न हो। ललना लाल होइए बाबा के दुलरुआ ।खेलिहे गोदिया माई के दुलरुआ ।दुखवा दुर करिहें सगरो जमनवा ।जनम भइले कान्हा---- … Continue reading श्याम कुंवर भारती

संदीप “माही”

विधा - गीतशीर्षक - बीती यादें मस्त होके दुनियां मस्तानी लगे।बीते लम्हों की ये ज़िन्दगानी लगे। मस्त भँवरा गुनगुनाने अब लगा।खूब प्यारा गीत गाने अब लगा।दिलरुबा भी कितनी मस्तानी लगे।बीते लम्हों की ये ज़िन्दगानी लगे। मन मेरा भँवरा मचलने तब लगा।फूल डाली में महकने जब लगा।ऋतु बड़ी प्यारी सुहानी भी लगे।बीते लम्हों की ये ज़िन्दगानी … Continue reading संदीप “माही”

मानसींग पारगी “मान”

गीत : मेरे मन मीत !! ओ सून ! मेरे मन मीत !!फिर ना होगी पहलेवाली रीत।। जहाँ डीजे खूब बजाते थे,वहाँ अश्लील गाने गाते थे ।खूब शोर शराबा करते थे,फिर अपनों से ही लडते थे।।ओ सून ! मेरे मन मीत !!फिर ना होगी पहलेवाली रीत ।। जहाँ हर किसी की शादी में,मीट जाता सब … Continue reading मानसींग पारगी “मान”

संदीप ‘माही’

विधा-गीतशीर्षक-योग आओं मिलकर योग करें ।जीवन को आरोग करें । नित्य कर्म अब इसे बनाएं ।जीवन में इसको अपनाएं ।कुछ ऐसा संयोग करें ।जीवन को आरोग करें । तन मन चुस्त-दुरुस्त रखे ।खुद को इतना व्यस्त रखें ।एक बार अब योग करें ।जीवन को आरोग करें । जन-जन तक पहुंचाएंगे ।योग कि महिमा गाएंगे ।सब … Continue reading संदीप ‘माही’

#नीलम व्यास स्वयमसिद्धा

गीत,,,भोर वेला उगा दिनकर।16 162भोर भई उगा बाल अरूण,निशिकांत विदा हुए हौले।चली झूमती विभावरी वो,उषा काल का मन है डोले जगी जगती खग विहग समूह,अलस भोर बेला उदित हुई।लाल नारंगी दिनकर देख,मन की कली खिलती ही गई।,कोयल मोर गीत हैं गाते,पंछी विटप पर पंख तौले।चली झूमती विभावरी वोउषा काल का मन है डोले। नीरद नीर … Continue reading #नीलम व्यास स्वयमसिद्धा

डाॅ. आलोक कुमार यादव

गीत आओ गले लगा लूँ प्रियवरहर्षित मेरा मन हो जाए आओ गले लगा लूँ प्रियवर,हर्षित मेरा मन हो जाए।दूर-दूर जब तुम रहते होजाने क्यों ये दिल घबराए।। खोए-खोए तुम रहते हो,क्यों पास नहीं अब आते हो?ऐसी भी क्या बात हुई जो,तुम मुझसे आँख चुराते हो।तुमको नहीं पता है शायद,धड़कन मेरी तुम्हे बुलाए।आओ गले लगा लूँ … Continue reading डाॅ. आलोक कुमार यादव

श्याम कुँवर भारती (राजभर)

गीत – इश्क ए शैलाब | उफनते हुश्न ए शैलाब मुझे बहा न देना तुम |शराबी नजरों शबाब ए जाम डूबा न देना तुम | मै मरीज ए इश्क तेरा मर्ज ताजा ही रहेने दो |जलती आग मोहब्बत की बुझा न देना तुम | देखा नही हुश्न तुझसा सर से पाँव लबालब |बिठा रखा सिर … Continue reading श्याम कुँवर भारती (राजभर)

डॉ. कवि कुमार निर्मल

🎶🎶🎶🎶🎶गीत🎶 🎶🎶🎶🎶 गीत आज एक "मनहर" लिखा जाये।सस्वर साज बजा के सब मिल गायें।। राधाभाव में खो हम धुल मिल जायें।आओ मधुबन में रास रचाया जाये।। गीत आज एक मनहर लिखा जाये-१ वृंदावन की गलियों में विचरा जाये।मन भर माखन- दधि खाया जाये।। गोपियन के मन की भी सुना जाये।दुख - सुख मिलजुल बाँटा जाये।। … Continue reading डॉ. कवि कुमार निर्मल

डाॅ. आलोक कुमार यादव

गीतटूट रहे संबंध यहाँ पर टूट रहे संबंध यहाँ पर, आओ उसे बचाएँ।आपस में जो पड़ी दरारें, उसको आज मिटाएँ।। भूल रहे हैं अपनी संस्कृति, भूले रिश्ते- नातेकष्ट सभी अपनों को देकर, आखिर क्या हैं पाते।जीवन की पावन बगिया को, फिर से हम महकाएँटूट रहे संबंध यहाँ पर, आओ उसे बचाएँ।। मात-पिता ने बड़े प्यार … Continue reading डाॅ. आलोक कुमार यादव

श्याम कुँवर भारती [राजभर]

भोजपुरी निर्गुण – माया मे लोभाई |नईहर के छोड़ी आइलू ससुरा के घर मे |माया लोभाई भुलइलू आपन सजन ये राम |झूठ साँच बोली पपवा बसवलु अपना मन मे |सोन पिंजरवा छोड़ी सुगना उड़ी जईहे गगन ये राम |माया लोभाई भुलइलू आपन सजन ये राम |पियावा के छोड़ी नेहिया लगवलु देवर ये राम |जनिहे जे … Continue reading श्याम कुँवर भारती [राजभर]