कान्हा यूं न

— नीलम व्यास
कान्हा कंकर मत मारो न,
पतली बैया मोरी मोड़ो न,
कटि करधनी छेड़ो यू न,
पायल मेरी खनकाओ न,

चुनर मेरी यू खींचो न,
चूड़ियां मेरी यू तोड़ो न,
मुरली ,धुन सुनाओ न,
माखन यू बिखराओ न।

मुख माखन लपटायो न,
कमरिया बल यू खाओ न,
वडरी अँखिया से मोहो न,
कान्हा,पनघट पे छेड़ो यू न।

बीच राह मोहे रोको न,
गगरी मेरी यू खींचो न,
मोह मन भरमाओ न,
जल्दी घर जाने दो न।

रास रचैया बुलाओ न,
कदम्ब छाह बिठाओ न,
राधे संग अंग लगाओ न,
प्रीत अमर मोरी करो न।।

श्रीमती नीलम व्यास

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