—- डॉ०विजय लक्ष्मी
रावण सा विद्वान ना हुआ,
इसी मद में वह चूर हुआ,
जैसा कर्म किया रावण ने,
कर्मफल उसको प्राप्त हुआ,
अधर्म की नीति पर चलके,
स्वयं का वंश-विनाश हुआ,
असत्य पर सत्य की जीत सदैव,
रावण वध को प्राप्त हुआ।
डॉ०विजय लक्ष्मी
काठगोदाम, उत्तराखण्ड