— ओम प्रकाश खरे
पर्व के दिन चल रहे, उत्सव मनायें
हम।
साथ सबके बैठ कर,खिलखिलायें
हम।।
विगत नौ दिन से किया है शक्ति का पूजन।
विजयदशमी पर दशानन को जलायें हम।।
झूठ,अत्याचार पर अब सत्य विजयी हो।
अराजकता को धरा सेअब मिटायें हम।।
देश है आजाद पर हैं बेड़ियाँ पग में।
भावना उर की तुम्हें कैसे बतायें हम।।
मुस्करायें लोग हर पल चैन से बीते।
इस धरा पर प्रेम की गंगा बहायें हम।।
जिन्दगी के पल सभी,सद्भाव से गुजरें।
गिले-शिकवों को दिलों से अब भगायें हम।।
चार दिन की जिन्दगी,खुशियों भरे
दिन हों।
संग सबके बैठ कर खुशियाँ मनायें
हम।।
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ओम प्रकाश खरे © विशेषरपुर,
जौनपुर-२२२ ००१(उ०प्र०)
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