श्री राम

                    —- नीलम व्यास
सत्य ,अद्भुत ,अविश्वसनीय राम।
अकल्पनीय चरित्र के धनी राम।
अधर्म पर धर्म स्थापित करे राम।
रोम रोम में ,घट घट में बसे राम।

लेखनी सफल करते है राम।
अन्तस् में भक्ति भरते राम।
लोकनायक प्रभुजी श्री राम।
जनमानस कल्याणी है राम।

अनीति पर नीति लाते राम।
अलौकिक पावन मेरे राम।
खरदूषण ,त्रिसरा सँहारे राम।
मारीच ,सुबाहु हराये है राम।

सुग्रीव को राज दिलाते राम।
बाली को सबक सिखाते राम।
विभीषण को राजा बनाते राम।
रावण वध कर सत फैलाते राम।

आज्ञाकारी,विनम्र,स्नेही राम।
हनुमान के आराध्य है राम।
हरि के अवतारी,न्यायी राम।
मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम।।

मेरे आराध्य  स्तम्भ श्री राम।
भव बाधा हरो ,मेटो यम त्रास।
भक्ति ,समर्पण स्वीकारो  राम।
विषय विकार,भय सँहारो राम।

तन में राम ,मन में बसे राम।
राम नाम बिन नहीं आराम।
राम शरण आये मेरे मनप्राण।
स्वीकारो,,मुझ को मेरे राम।।।

स्वरचित
श्रीमती नीलम व्यास

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