श्याम कुंवर भारती

मुक्तक- हार जीत।

हार जाना हालात से इंसान का काम नहीं ।
मुश्किलें तो आएंगी हम कोई भगवान नहीं ।
हराया हर बार देवो ने दानवो तीनो लोको मे।
लड़ेंगे जीतेंगे हारेंगे क्यों मिलेगा अंजाम नहीं।

श्याम कुंवर भारती

मुक्तक – प्यार परिवार में।

मिले छत्र छाया सुख शांति स्नेह प्यार परिवार मे ।
मिलता नहीं ठिकाना कहीं किसी को संसार में।
माता पिता दादा दादी का दुलार मिलेगा कहा ।
उजड़ न जाए बगिया बीन रिश्ते जीवन बेकार मे।

श्याम कुंवर भारती

मुक्तक – नमन भगवान की ।

आईं आज एक साथ अक्षय तृतीया ईद और जयंती परशुराम की।
मिल मनाओ त्योहार सभी बोलो अल्लाह हो अकबर जय श्री राम की।
हो भले भेष भूषा बोली अलग दिल से सभी एक है भारत देश हमारा है।
एक है एक रहेंगे मिल दुश्मन से लड़ेंगे बधाई हो सबको नमन भगवान की।

श्याम कूंवर भारती

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