निर्मल जैन ‘नीर’ के हाइकु

मेजर ध्यानचंद…


कोटि वंदन~
मेजर ध्यानचंद
अभिनन्दन

यश फैलाया~
हॉकी के जादूगर
नाम कमाया

धूम मचाई~
ओलम्पिक में जब
जीत दिलाई

अद्भत खेल~
होनहार खिलाड़ी
कोई न मेल

अद्भुत बन्दा~
शायरी के शौकीन
दिलों में जिंदा


कृष्ण जन्माष्टमी……

धरा मुस्काई~
कृष्ण जनमाष्टमी
बाजे बधाई

प्रभु की माया~
कारागार में जन्में
कृष्ण कन्हैया

नन्दकिशोर~
ग्वाल बाल के संग
माखन चोर

वस्त्र चुराते~
कान्हा गोपियों संग
रास रचाते

धीर बंधाया~
कृष्ण ने द्रोपदी का
चीर बढाया

थे पापाचार~
दुष्टों का नाश कर
किया उद्धार

कर्म संदेश~
युद्ध में दिया गीता
का उपदेश

निर्मल जैन ‘नीर’
ऋषभदेव/उदयपुर
राजस्थान

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