नीलम व्यास

हाइकू

ठेस

कोई  औरत
सब कुछ लुटाए
माँ बन कर।

जन्म देने का
दर्द जानलेवा हैं
सहती सब।

देख मुखड़ा
बच्चे का भूल जाती
पीड़ा जन्म की।

वही लाडला
बेटा ,,कहता क्या,,
किया तुमने।

ठेस लगी माँ
को ,गहरे मन में,,
चुप्पी लगा ली,,।

उदास होती
आशीष देती पर
दिल से ,,उसे।

तू खुश रहे
हमेशा यू ही बेटा
दुआएँ देती।

माँ तो माँ होती
दुःख पी लेती वो माँ
उफ़्फ़ न  करें।

धन्य तुम माँ
ममतामयी मन
पावन तन।

सदा देती माँ
उम्मीद किये बिना
बच्चों से कोई।

नमन माँ को
अभिनन्दन  माँ को
जन्म दात्री को।

स्वरचित
नीलम व्यास

Leave a comment