श्याम कुँवर भारती (राजभर )

[03/09, 10:39 pm] #ShyamKunwarBharti: श्याम भजन – राधा बिना श्याम |
राधा बिना श्याम है आधा तुम आ जाओ |
जहा रहे राधा वहा रहे कान्हा तुम आ जाओ |
तू है प्राण प्यारी मै तुझपर बलिहारी |
तेरे बिन जीना कैसे हे राधा किशोरी |
करूँ प्रीत तुझसे कम न कोई ज्यादा |
तुम आ जाओ |
राधा बिना श्याम है आधा तुम आ जाओ |
तुम राधा गोरी मै प्रीतम तेरा काला |
मुझपर तूने दिल हारी मै तेरा दिलवाला |
चैन श्याम तेरे बिना कही नहीं है पाता |
तुम आ जाओ |
राधा बिना श्याम है आधा तुम आ जाओ |
मुरली की धुन सुन राधा दौड़ी चली आती|
नाचे सुध बुध खोई संग श्याम रमाती |
तेरे बिन प्यारी बृंदावन न मुझको सुहाता |
तुम आ जाओ |
राधा बिना श्याम है आधा तुम आ जाओ |

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो, झारखंड,मोब- 9955509286
[05/09, 2:30 pm] Shyam Kunwar Bharti: शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई आपको कविता – शिक्षक को नमन |

करूँ शिक्षक को नमन करे जो अज्ञान का समन|
सत्य बिन गुरु ज्ञान न होता करो गुरु सदा स्मरण |
बाल अवस्था प्रथम गुरु होती जननी है हमारी |
गोद बैठा बोलना सिखाये पूज्य जननी है सारी |
दूसरे गुरु पिता हमारे चलाये पकड़ हाथ हमारे |
सत सत नमन पिता गुरु सम तुम हे नाथ हमारे |
दान धर्म ज्ञान अध्यात्म पथ दर्शन देते धर्म गुरु |
मोक्ष मोह माया काया ज्ञान कराया परम गुरु |
करे राष्ट्र निर्माण शिक्षक गढ़ मूर्ति शिस्य सयाना |
सीमा सुरक्षा शिक्षा स्वास्थ्य विज्ञान राह दिखाना |
वंदन चरण कमल गुरु तुम अज्ञान हरो अब मेरे |
महिमा न्यारी तुम्हारी करूँ क्या बखान बहू तेरे |
तुम न होते शिस्य न सीखते बनते सब अज्ञानी |
रहते सब मूढ़ सर्वत्र बनता न तुझ बिन बिज्ञानी |
इश तुम्ही महेश ब्रम्हा विष्णु सर्वत्र ब्याप्त तुम्ही |
अज्ञान अंधकार अंहकार करते सब समाप्त तुम्ही |
करूँ न क्यों जय जय कार गुरु अब मैं तुम्हारी |
हरते हर की अज्ञानता गढ़ते ज्ञान सदा तुम हमारी |

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
गीतकार /कवि /लेखक /समाजसेवी
बोकारो झारखंड -मोब . 9955509286
[08/09, 9:31 pm] Shyam Kunwar Bharti: भोजपुरी गीत – बड़ा प्यार आवेला |

हमके त यार याद तू हर बार आवेला |
काहे हमके त तोहरे पर बड़ा प्यार आवेला |

मिलना होई की ना हमके कुछउ ना पता |
हमार जान हऊ मत करिहा तू हमसे खता |
प्यार बा तोहरे दिल मे इ बस सवाल आवेला |

हमके त यार याद तू हर बार आवेला |
उजड़ल दिल के कब सजईबु बतावा हमके |
बन के फूल कब महकइबु सुनावा हमके |
तोहरा अईले से उजड़ल बाग मे बहार आवेला |

हमके त यार याद तू हर बार आवेला |
हंसेलु त जईसे मुहवा तोहरे मोती झरी जाला |
देखी मुस्कान दिलवा हमरे बिजुरी गिरि जाला |
आवा बहार बनके सुनी जिनगी ई विचार आवेला |

हमके त यार याद तू हर बार आवेला |
मुहवा तोहार टुकड़ा चान जस लगेला अंजोर |
उठेला पलक आँख तोहार सांझ लगेला भोर |
सिवा तोहरे ना केवनों अब दिलदार भावेला |
हमके त यार याद तू हर बार आवेला |

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो, झारखंड,मोब- 9955509286

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