कवि संगम त्रिपाठी

जय हो


हिंदी भाषा अपने ही
घर में दासी है,
फिर भी मेरे लिए तो
मथुरा काशी है।
🌹 कवि संगम त्रिपाठी 🌹
जय हिन्द वन्देमातरम जय हिंदी

🇮🇳 जय हिंदी🇮🇳

अरे ओ हिंदी के पहलवान,
कहां है तुम्हारे पास ज्ञान और विज्ञान।
अंग्रेजी का मिटा दो नामों निशान,
तभी कहलायेगा भारत देश महान।
🙈🙉🙊
✒️कवि संगम त्रिपाठी

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