“वीरू” अर्जुनी

जहाँ पावन सदानीरासरयू की धारा है ,बसाया है मनु इसकोभू पर बैकुंठ न्यारा है ।जहाँ अवतीर्णआदिनाथऔर चार तीर्थंकर ,अयोध्या राम की नगरीहमें प्राणों से प्यारा है ।।"वीरू" अर्जुनीअपनेहीदेशराज मेंनकरना पडे़ ,असहजस्थिति कासामना ।निर्भीकरहकरलिखेंपढे़बोलेंहिन्दी ,बसइतनी हैशुभकामना ।।" वीरू" अर्जुनी

डॉ. कवि कुमार निर्मल

युगसंधि पुरोधा मोदी जीयुगसंधि पुरोधा मोदी जी को जन्मोत्व की अनंत शुभकामनाएं।कोरोना काल में हिंदी साहित्य जगत् वर्धित, तन रही प्रत्यंचाएं। नरेंद्र मोदीजी का ७१वां जन्म आज, हम सभी राष्ट्रवादी  जश्न मनालें।कतिपय उपलब्धियों की बात कर भारत को विश्वगुरु सुपथ पर डालें। चाय बेचने वाला एक दीन गुजराती, अहमदाबाद दिल्ली पहुँचा।६६ साल का काला चिट्ठा … Continue reading डॉ. कवि कुमार निर्मल

श्याम कुंवर भारती

#ShyamKunwarBharti जय श्री गणेश मुक्तक - जय श्री गणेश।गणपती गजानन गनाधिपती गणराज जय श्री गणेश।मस्तक चंदन गजबदन ऋद्धि सिद्धि पति पुत्र श्री महेश।बिघनहर्त्ता मंगलकर्ता मूषक वाहन प्रथम पूज्य महाराज।दयानिधान कृपानिधान करो जग कल्याण हे श्री गणेश। श्याम कुंवर भारती।[11/09, 8:01 pm] Shyam Kunwar Bharti: मुक्तक - हिन्द की हिंदी हिन्द की भाषा हिन्दी हमारी इसका … Continue reading श्याम कुंवर भारती

भास्कर सिंह माणिक की रचनाएं

#BhaskarSinghManik जय जय लंबोदर ------------*---------- जय महाबल जय प्रथमेश्वर।जय गौरी सुत जय महेश्वर।। ईशान पुत्र जय सूर्य वर्ण।वरद विनायक जय लंबकर्ण।हो तुम रिद्धि सिद्धि के दाता।जय विघ्नहर जय जय गजकर्ण। जय सर्व सिद्धांत लंबोदर।जय महाबल जय प्रथमेश्वर।। जय एकदंत शुभगुणकानन।जय एकाक्षर सुमुख गजानन।नमन करूं जय बुद्धि विधाता।जय जय जग के आनंदानन। संकट हरण जय विघ्नेश्वर।जय … Continue reading भास्कर सिंह माणिक की रचनाएं

मानसींग पारगी “मान”

इक्कीसवीं सदी शिक्षा आज आवाज़ दे रही है,शिक्षक बतायें बात ।इक्कीसवीं सदी आ गई है,शिक्षा का करो प्रचार…।। एकता,समता,न्याय और,यह स्वाभाविक संस्कार ।इक्कीसवीं सदी आ गई है,ये लेकर चार आधार…।। राग,द्वेष सब छोडकर के,बने सारा विश्व परिवार ।इक्कीसवीं सदी आ गई है,वसुधैव कुटुंब का ले विचार…।। बौद्धिक,नैतिक क्रांति करके,सुधरे व्यक्ति और परिवार ।इक्कीसवीं सदी आ … Continue reading मानसींग पारगी “मान”

साधना मिश्रा विंध्य

#साधनामिश्राविंध्य विधा- गीतगणपति रूठें गणपति मनाऊं कैसेलड्डू का भोग मै खिलाऊं कैसे। गंगा में ढूंढा यमुना में ढूंढासरयू तक बोलो जाऊं कैसेरूठे गजानंद मनाऊं कैसे। रूठें गणपति मनाऊं कैसेलड्डू का भोग मै खिलाऊं कैसे। चंदा में ढूंढा तारों में ढूंढासूरज के लोक तक जाऊं कैसेरूठे गजानंद मनाऊं कैसे। रूठें गणपति मनाऊं कैसेलड्डू का भोग मै … Continue reading साधना मिश्रा विंध्य

नीलम व्यास की रचनाएं

#NilamVayasविश्लोक छंद16 165वीं व 8 वीं मात्रा लघु।चार चौकल राधा तव शरण चाह रखते।जीवन भर सुमिरन हम करते।राधा किशन जल पिला देती।प्रीती रस पिय हरसा लेती। नीले वसन सजी है राधे ।नीले बदन पट पीत बाँके।गगरी भरी सुधा जल छलके।मधुरिम अमिय रस पान झलके। गौरी सजी नयन से मोहे ।बाजू बन्द पहन के सोहे।टीका ललाट … Continue reading नीलम व्यास की रचनाएं

रामबाबू शर्मा,राजस्थानी की रचनाएं

#रामबाबूशर्मा                        कविता             नशा नाश की जड़ है                        ~~~          जर्दा गुटखा है रोग भयंकर,          जनमानस को समझाता हूँ।          नशा नाश की जड़ है भैया,          अवगुण इसके बतलाता हूँ।।           दोस्त मित्र चुटकी भर देते,          फिर हम ही आदी बन जाते।          धीरे-धीरे परवान चढ़े,          नहीं मिले,कुछ भी कर आते।।           पावन पवित्र शरीर हमारा,          गाल गलाये … Continue reading रामबाबू शर्मा,राजस्थानी की रचनाएं

राजेश पाण्डेय वत्स की रचनाएं

#RajeshPande सौम्य सवेरा!मनहरण घनाक्षरी!🐘🕊️🐘🕊️🐘🕊️🐘🕊️🐘प्रभाकर प्रीत लिए,तम को है जीत लिए,राम राम हुई मानों,गगन के नाद में! माता पिता मंत्र पढ़े,मूषक सवारी चढ़े,प्रथम पूजन वत्स,शेष काम बाद में! अम्बिका के लाल बाल, जगत के प्रतिपालदया के निधान खुश,मोदक के स्वाद में! शुभ भोर गजानन,विराजत भगवन,बुद्धि ज्ञान भरे पड़े,देव के प्रसाद में! --राजेश पान्डेय वत्स!डभरा छग MPP6065K … Continue reading राजेश पाण्डेय वत्स की रचनाएं

राजकुमार अरोड़ा गाइड

💐 मैँ बदला तो बदल गया समाज💐सच ही तो है,खुद को बदलो,बदलाव लाओबस अपने में, तो बदला लेना ही भूल जाओगे,जिससे बदला लेना था,वो भी बदल कर तुम्हाराअपना हो जायेगा! किस किस को बदलोगे,एकको बदला तो दूसरा बदल कर तुम्हारे सामने होगा!जिन्होंने पहले खुद को बदला,ज़माना भी उनकेलिये बदला। दस्यु ने बदला जिन्दगी का गायन,तो … Continue reading राजकुमार अरोड़ा गाइड