एक सलाम तिरंगे झंडे को

          ---- सुभाष अरोड़ापरमात्मा ना जाने कितनी मिन्नतों के बाद आपसे मुझे मेरा देश मिला।चूंकि मेरा देश ही मुझे चाहिए था,मुझे मेरा महान देश ही चाहिए था।मुझे गर्व है इस देश परजिसकी मिट्टी की सुगंध ही इतनी प्यारी है कितन मन सबको ही राष्टृभक्त बना देती है।दूसरे हमारी भाषा इतनी मीठी है कि इतनी अच्छी … Continue reading एक सलाम तिरंगे झंडे को

नमन

         --- राशि श्रीवास्तवदेश के वीर सिपाही तुमको शत शत नमन हमारा हैतेरे लहू का हर कतरा हम पे कर्ज़ तुम्हारा है II बहुत शीश है काट चुका दुश्मन अपने जांबाज़ों काअब बदला लेना होगा हर एक ज़ख्म और घावों का II नमन करो उन वीरों को जो देश की लाज बचाते हैं.हम घर में … Continue reading नमन

पवित्र आत्माएं पुकारती

        --- डॉ किरण जैनवे पवित्र आत्माएँ,जो स्वाधीनता के यज्ञ में अपनी आहुतियाँ दें गईं हैं।पुकारतीं हैं कि हम मरे नहीं मृत्यु ही यहाँ पराजित हुई है।काला पानी की वह सेलुलर जेल आज जीर्ण शीर्ण है।यहीं हमारे शहीदों की स्मृतियाँ विकीर्ण हैं।बुलबुल मुँडेर पर यहाँ थर्राई हुई है ।आवाज़ उसकी दर्द से भर्राई हुई है … Continue reading पवित्र आत्माएं पुकारती

महात्मा गांधी जी

           ---- डॉ.बी.निर्मलावे,देश की महाचेतना,महान उनकी आत्मा,तभी तो कहलाए जगत में,वे महात्मा,दो अक्टूबर,१८६९पोरबंदर में जन्म हुआ।माता हुलसीबाई,करमचंद गांधी इनके पिता। पोरबंदर और लंदन में पाई पूरी शिक्षा,शाकाहारी,ब्रह्मचर्य का पालन सदा है किया,दिखने में थे बहुत पतले और दुबले,मगर उसूल के पक्के,थे उनके नेक इरादे। प्रकृति प्रेमी,कंद मूल खा सवेरे टहलने जाते,पक्षियों के गीत,संगीत सुन खुद … Continue reading महात्मा गांधी जी

तिरंगी चादर

           --- डॉ किरण जैनभारत के राज सिंहासन पर तिरंगी चादर लहराती  है ।गीता कुरान बाइबिल का करना आदर सिख लाती है ।ममता के दामन सी उजलीहर जख्म मेरा सह लाती हैयह चादर ही हमको अपने वीरों की याद दिलाती है । इस चादर के हर धागे मैं इस देश का प्रेम समाया है ।इस … Continue reading तिरंगी चादर

भूल की शूल

       --- नेमीचंद शांडिल्यअनशन लाठी, जेल-यातना, फाँसी के फँदों पे झूल ।हमें मिली आज़ादी थी जो , क़ीमत उसकी गए क्यों भूल ??गोरों और गद्दारों ने थी , मिलकर लूट मचाई ।आगजनी और कत्लेआम की , धू-धू चिता जलाई।।झोंक देश को गुरबत में खुद, खायी दूध मलाई।बची छाछ-सा छोड़ देश को, बना गए माटी की … Continue reading भूल की शूल

वंदेमातरम

   -- परमानन्द दीवानभारत मां तुझे नमन।सागर जिसके पांव पखारे।उमंग तरंगें मन में धारे।खड़ा हिमालय मुकुट सरीखा।करता धारण हिम खण्ड।भारत मां तुझे नमन। बड़े बड़े गुरू ज्ञानी आये।गुरू विशिष्ट से स्वर्ण रतन।विश्वामित्र ज्ञान फैलाते।जन्मे राम कृष्ण से हंस।भारत मां तुझे नमन। सुभाष, भगत, आजाद सरीखे।तेरी माटी में भरे रतन।शत शत बार नमन मां।तुझको बारम्बार नमन।भारत … Continue reading वंदेमातरम

जय भारत

     -- डॉ रेखा शर्मामै भारत की सन्तान,यही मेरा परिचय ,यही मेरी पहचान ।मेरी कलम का ये आह्वान,कि जागती रहूँ, जगाती रहूँ,जन्म जन्मों तक इसी,सरजमीं पर सर झुकातीरहूँ।भरत,बुद्ध ,तुलसी,नानककी यह धरा,भगत जैसे शहीदों का,खून है जिसमें मिला।फले फूले मेरा भारत,बरसे हर खुशी यहाँ।विश्व पटल पर चमकते,देखे इसे सारा जहाँ।हे भारती माँ,तेरा ऋण है मुझ पर,पर … Continue reading जय भारत

एक कविता,शहीदों के नाम

       --- डॉ बी. निर्मलाएक कविता देश के वीर शहीदों के नाम,देशवासियों,जरा सुन लो मेरा  यह पैगाम, मिले समय कभी तो शहीदों  के घर आंगन जाकर देखना,और उनके दिलों की धडकनों को जरा सा टटोलना, शहीद कभी नहीं सोचता औरजीता कभी अपने लिए,जिसका दिल धड़के सदा हरपल अपने वतन के लिए, कहता है हर एक … Continue reading एक कविता,शहीदों के नाम

मेरे ख़्वाबों का हिन्दोस्तान

     --- आभा मुकेश साहनीन हो किसी में द्वेष या ईर्ष्या के भावसिर्फ़ इंसानियत का ही हों एहसासऐसा है मेरे ख़्वाबों का हिन्दोस्तान भाषा,रंग ,प्रांत का कोई भेद न होअमीरी - ग़रीबी में कोई बँटा न होबस हो केवल भाई-चारे  का भावऐसा है मेरे ख़्वाबों का हिन्दोस्तान मनाए मिलके गुरुपरव और दिवालीक्रिसमस और ईद भी … Continue reading मेरे ख़्वाबों का हिन्दोस्तान