ओम प्रकाश खरे की गज़ले

००००० ग़ज़ल ००००० (फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन ) बातें करना इन्सानों से ।दूरी रखना शैतानों से।‌। सब के सब मनमानी करते,बस बचना बे- ईमानों से। मत करना विश्वास किसी पर,दूरी रखना अनजानों से । सोच-समझ करके ही बोलो,बस बचना झूठ बयानों से। जाम़ न लेना तुम हाथों में ,बचके रहना मयख़ानों से। जबरन पंगा गैर-मुनासिब,मत … Continue reading ओम प्रकाश खरे की गज़ले

राकेश कुमार मिश्रा

🎊🌹दौर-ए-गजल🌹🎊 गले माला कान में कुंडलपहन के वे फकीर हो गये , तस्बीह पकड़ ली हाथ मेंऔर सूफी पीर हो गये , सीरत से महरूम , सूरत सेवे बेनजीर हो गये , चला कर पीठ पे खंजरखुद ही वे दस्तगीर हो गये , सारे गुंडे सियासत मेंआज कल वजीर हो गये , दफन कर डाला … Continue reading राकेश कुमार मिश्रा

ओम प्रकाश खरे

::::::::::::::::: ग़ज़ल::::::::::::::: (फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन) भाव ख़ुशियों के कभी आते नहीं।ज़िन्दगी के दिन हमें भाते नहीं।। हो गए मश़गूल हम इतने अधिक,अब ख़ुशी जीवन में हम पाते नहीं। उलझनों में इस क़दर डूबे हुए ,बाल-बच्चों की ख़ुशी पाते नहीं। सोचते हैं ज़िन्दगी ख़ुशहाल हो ,खोजने हम रास्ते जाते नहीं ‌ । खूब हंसिए बात बच्चों … Continue reading ओम प्रकाश खरे

राकेश कुमार मिश्रा

🎊🌹दौर-ए-गजल🌹🎊 हर एक बात वे कल पे टाल देते हैंहम टूटे दिल को फिर सभांल लेते हैं , उन की नजर में दिल हमारा खिलौना हैखिलौना समझ कर उसे उछाल देते हैं , किसी सवाल का जवाब जब पूछा उन सेजवाब के बजाए वे सवाल देते हैं , रेजा-रेजा कर दिया हाय बेहया नेजब भी … Continue reading राकेश कुमार मिश्रा

ओम प्रकाश खरे

""""""""""""" ग़ज़ल""""""""""""" ( मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन ) तड़पते भूख के मारे ।किसी के लाल बेचारे।। कठिन इनका बड़ा जीवन ,बड़े क़िस्मत के हैं मारे । तरसते इक ऩेव़ाले को ,किसी की आँख के तारे । न धन-द़ौलत कहीं पाएं ,भटकते ये दुखी सारे । दबाये पेट सड़कों पर ,रुदन करते ये बेचारे । दशा यह आज … Continue reading ओम प्रकाश खरे

ओम प्रकाश खरे

!!!!!!!!!!!!!!!+[ग़ज़ल]!!!!!!!!!!! (मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन ) न कुछ परवाह करते हम न किस्मत आजमाते हैं।किसी के बल नहीं खुद रास्ते अपने बनाते हैं।। किया करते लगन से काम मेहनत से नहीं डरते,सितारे अपनी किस्मत के हमीं रोश़न कराते हैं। ललक है चाँद-तारों को गगन से तोड़ ले आएं,ये बाजू पंख बन जांयें नयी ताक़त बढ़ाते … Continue reading ओम प्रकाश खरे

एल एस तोमर

ग़ज़ल जख्म जो तूने दिए मुश्किल है किभर पाएं हम।।*अब और क्या किसी से मरासिम बढ़ाएं हम।। ताल्लुकात, रिश्ते,रकीब फकत मतलब के।सब दर्द जो दिए अपनों ने, किसे दिखाएं हम।।l बेमुरव्वत फरेबी पत्थर दिल दुनियां में।खुद ही दिल की मुहब्बत कैसे निभाएं हम ।। सिसक रही हसरतें मुरझा के फूल सी।करे ये ना वफा,कैसे दिल … Continue reading एल एस तोमर

ओम प्रकाश खरे

+++++ ग़ज़ल+++++ [फ़ाइलातुन फ़इलातुन फ़इलातुन फ़ेलुन ] आपसी प्रेम, मुहब्बत जो नहीं रखते हैं।लोग कैसे भला, दुनिया में जिया करते हैं।। आज दुनिया में मुहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं,देख दुनिया के ये द़स्तूर सभी जलते हैं । लोग खुशहाल रहें मन में यही भाव रहे,रंग खुशियों के तभी दिल में सदा भरते हैं। सोच … Continue reading ओम प्रकाश खरे

नीलम व्यास स्वयमसिद्धा

छोटी बहर की गज़ल2212 2212,,आरही तेरी दुआ रँग ला रही।मेरी वफ़ा दिल भा रही। तारे खिले हँसने लगे।राते नशीली आ रही। कह दो मुझे अपना पिया।यादें नशेमन छा रही।। देखी खुदाई आप में।देखो दिवानी गा रही। है आशिकी तो लाज़मी।राहें सुहानी पा रही।। ये जिंदगी है यार से।पाकर तुझे रुसवा रही। आहें भरी तेरे लिए।नीलम … Continue reading नीलम व्यास स्वयमसिद्धा

नरेश मलिक

मेरी कही एक ग़ज़ल का लुत्फ़ लीजिए---- दिखावे की उल्फत गंवारा नहीं है,मुझे ये रवायत गंवारा नहीं है l मेरे शहर आकर भी मिलते नहीं हो,अजब तेरी आदत गंवारा नहीं है l जो मिलना हो मुझसे तो दिल साफ़ रखना,मुझे झूठी चाहत गंवारा नहीं है l मुहब्बत है मुझसे तो कह देते खुलकर,छुपाना हक़ीक़त गंवारा … Continue reading नरेश मलिक