— कुलदीप कुमार नौगिया
बात लिखूंगा ,
जज्बात लिखूंगा |
उठा दी कलम जो मैंने एक बार, तो सुन बेटा तेरी औकात लिख दूंगा ||
###############
काश तुमसे मुलाकात ना होती,
बातों बातों में वो बात ना होती |
अरे हम अपनी बदनामी तो सह लेते पगली ,
पर तू भी हमारे साथ यू बदनाम ना होती ||
###############
क्या लिखू तेरे लिये,
अब तू ही बता ||
आना ही है तो जिन्दगी मे आ,
सपनों मे आकर मत सता ||
###############
करके शादी तू किसी गैर के साथ,
मुझको ताउम्र के लिए रोता छोड़ गई||
अब तो सिर्फ जिस्म बचा है मेरे पास,
मेरी रूह तो मुझसे नाता तोड गई||
k.k. नोगिया
कुलदीप कुमार नौगिया
बिसलपुर, पाली, राजस्थान