मनोरम छंद
बीबी पुराण,,हास्य व्यंग्य विधा
जीव मेरा रोय जाता,
हाय देखो आज दाता,
दौड़ मेरी रोक लेना,
लाज को तू रोक देना।
मार बीबी है खिलाती,
छोड़ पीना वो सिखाती,
औरतें क्यों ये सताती,
प्रेम प्यारी है जलाती।
बेवफ़ाई ना सुहाती
आशिकी ये है भुलाती,
कामना को हैं मिटाती,
रागिनी वो है सुनाती।
जालिमा दौड़े भगाए,
राह पे काँटे बिछाए,
देख के नैना नचाए,
हाय कैसी वो सताए।
हाथ झाड़ू ले भगाती,
दाँत पीसे वो रुलाती,
आगे भागू पीट पाती,
भैरवी मेरी नचाती।।
नीलम व्यास ।