निशांत वैद्य “निश”

गीत

हमारी शान है हिंदी,
अभिमान है हिंदी,
पहचान है हिंदी,
आण, बाण, शान है हिंदी,
जान है हिंदी,
सर्व शक्तिमान भी हिंदी,
नाम भी हिंदी और काम भी हिंदी,
हम भी हिंदी और तुम भी हिंदी,
सब केे सब हैं हिंदी|

पर सिर्फ अाज ही क्यों?
हर दिन है हिंदी,
सुबह और शाम भी हिंदी,
रात भी हिंदी और दिन भी हिंदी,
देश में हिंदी,
विदेश में हिंदी,
शेष है हिंदी,
हिंदी ही हिंदी,
यहाँ लोग है भिंडी,
विशेष है हिंदी,
प्यारी है हिंदी,
दुलारी है हिंदी,
भारत भी हिंदी,
हिन्दुस्तान भी हिंदी|

जय हिन्द
जय भारत

® पद्यक गुरु
© निशांत वैद्य “निश”

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