रईस सिद्दीकी बहराइची

हिंदी दिवस के अवसर पर

हिंदी दिवस के दिन ही क्यों हिंदी से मोहब्बत होती है
हिंदी बोलो हिंदी सीखो यही हिदायत होती है

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अंग्रेजी स्कूलों के चक्कर भी हमीं लगाते हैं

नाम इन्हीं स्कूलों में बच्चों का भी लिखवाते हैं

स्वर्णिम था इतिहा जो
अपना खुद हम ही मिटवाते हैं

चाहत के बदले में देखो कैसी अदावत होती है

हिंदी दिवस के दिन ही क्यों हिंदी से मोहब्बत होती है

हिंदी बोलो हिंदी सीखो यही हिदायत होती है

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लिखना पढ़ना और बोलना जिसने जिसने छोड़ा है

अंग्रेजी भाषा से जाकर अपना रिश्ता जोड़ा है

इस भाषा से जिन लोगों ने अपना नाता तोड़ा है

ज़रा बतायें वह क्या मां से ऐसी उल्फत होती है

हिंदी दिवस के दिन ही क्यों हिंदी से मोहब्बत होती है

हिंदी बोलो हिंदी सीखो यही हिदायत होती है

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हम सब के माथे की बिंदी राष्ट्र की मेरी भाषा है

कितनों की उम्मीद यह हिंदी कितनों की यह आशा है

जन-जन की भाषा हो हिंदी रईस की यह अभिलाषा है

चिंता भी वह ही करते हैं जिनकी चाहत होती है

हिंदी दिवस के दिन ही क्यों हिंदी से मोहब्बत होती है

हिंदी बोलो हिंदी सीखो यही हिदायत होती है

रईस सिद्दीकी बहराइची, यूपी
7348161874

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