मेरी प्यारी बेटी प्रिंसेस
” इशिका पंचोली” के जन्मदिन पर विशेष।
“बेटियां गुरुग्रंथ की वाणी,
बेटियां वैदिक ऋचाएं हैं।
जिनमें खुद भगवान बसता है,
बेटियां वे वन्दनाएं हैं।
त्याग, तप, गुणधर्म, साहस की
बेटियां गौरव कथाएं हैं।
मुस्कुरा के पीर पीती हैं,
बेटी हर्षित व्यथाएं हैं”…
सुरेश पंचोली✍️ पत्रकार
महेन्द्रगढ़,हरियाणा