#निर्मलजैननीर

शीतलहर~


शीतलहर~
बदलता मौसम
ढाता कहर

हमें लुभाती~
गुनगुनी सी धूप
खूब सुहाती

हाड़ कँपाती~
फुटपाथी जीवन
उन्हें रुलाती

ठण्ड निराली~
अदरक का स्वाद
चाय की प्याली

घना कोहरा~
बर्फ़ीली है चादर
कष्ट दोहरा


निर्मल जैन ‘नीर’
ऋषभदेव/उदयपुर
राजस्थान

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