निर्मल जैन ‘नीर’ के हाइकु

चलते रहो…. चलते रहो~लाख गम दिल मेंबढ़ते रहो•झुकना नही~डर के आगे जीतरूकना नही•कर्मों का फेर~जानें कब हो जायेमिट्टी का ढेर•विष न घोल~भूला के नफ़रतप्रेम से बोल•गज़ब खेल~कब बिछड़ जायेकब हो मेल• निर्मल जैन 'नीर'ऋषभदेव/उदयपुरराजस्थान बिस्तर….. सूर्य उदित~छोड़ अब बिस्तरमन मुदित•भोर की हवा~जीवन में होती हैलाखों की दवा•सुबह शाम~अनुलोम विलोमनित व्यायाम•आलस्य तज~निर्मल मन से तूप्रभु को … Continue reading निर्मल जैन ‘नीर’ के हाइकु

निर्मल जैन ‘नीर’के हाइकु

पिता…… पिता उड़ान~बच्चों के लिए खुलाहै आसमान•घर का मान~पूरे परिवार कारखता ध्यान•पिता महान~उनके चरणों मेंसारा जहान•करो सम्मान~कभी नही हो पिताका अपमान•हो गुणगान~समाज में रखनापिता का मान• 💦निर्मल नीर💦[21/06, 12:43 pm] Nirmal Jain: योग/व्यायाम.. स्वच्छ हो तन~सुबह शाम योगास्वस्थ हो मन•रोग-भगाता~जो जीवन में योगको अपनाता•योग की माया~पहला सुख होतानिरोगी काया•मुख मुस्कान~जो मनुष्य करतानित व्यायाम•भोर की हवा~यारों … Continue reading निर्मल जैन ‘नीर’के हाइकु

निर्मल जैन ‘नीर’

मुसीबत के वक्त… निर्मल 'नीर'~मुसीबत के वक्तधरना धीर•नैनों में 'नीर'~विपरीत हालातन हो अधीर•निर्मल तन~मुख मधु मुस्काननिःश्छल मन•न बहे 'नीर'~जब हो कोई दुःखीसमझो पीर•मन हो चंगा~हर घर बहतीनिर्मल गंगा• निर्मल जैन 'नीर'ऋषभदेव/उदयपुरराजस्थान

पायल पांडेय ‘ गीतानिल ’

चीर की पीर! अधर सिए,वो मौन बैठी सभा,न्याय पुकारे। अपमानित,है चीर की वेदना,वीर निहारे। आवश्यक है,मौन, किंतु सामर्थ्य,मौन से हारे। बिलखती है,लाज कुल की देख,कायर सारे। दृश्य नीचता,का, देख पुरुषार्थ,क्यों? ना धिक्कारे। स्वयं घर का,मौन सह चीर स्वयं,कैसे? संवारें। राजवंश की,प्रतिष्ठा अपमान,के, है किनारे। तम निशा कागहरा, उजाले हैं,कृष्ण सहारे। –©®पायल पांडेय ‘ गीतानिल ’मुंबई … Continue reading पायल पांडेय ‘ गीतानिल ’

निर्मल ‘नीर’

महाराणा प्रताप…. हिंदुआ सूर्य~जनप्रिय शासकराणा प्रताप•भर हुँकार~जब चेतक परहोते सवार•धर्म रक्षक~राणा रण भूमि मेंशत्रु भक्षक•अद्भुत शक्ति~कूट-कूट के भरीथी राष्ट्र भक्ति•माथ चंदन~माटी का कण-कणकरे वन्दन• 🔥निर्मल 'नीर'🔥

निर्मल जैन ‘नीर’ के हाइकु

सलवट…… करो चिंतन~माँ के मुख पर क्योंआई शिकन•नैनों में नीर~माथे की सलवटेकहती पीर•कोई न हल~गहरा है ये ज़ख्ममाथे पे सल•होता उदास~माथे की सिलवटेआती न रास•बना न दूरी~पूछ ले हाल-चालहो मजबूरी• निर्मल जैन 'नीर'ऋषभदेव/उदयपुरराजस्थान आई बरखा… घने बादलचमकती बिजली आई बरखा मन कायलसुहावना मौसम तन घायल धरती प्यासीघनघोर बारिश मिटी उदासी ढाता कहरपानी-पानी हो गया सारा … Continue reading निर्मल जैन ‘नीर’ के हाइकु

निर्मल जैन ‘नीर’ के हाइकु

झूठ का बोलबाला.. करना गौर~झूठ का बोलबालाबदला दौर•सच पे ताला~झूठों के सरदारछीने निवाला•झूठ का जोर~सत्य हुआ ख़ामोशहै चारो ओर•मन में खोट~इसीलिए झूठ कीसत्य पे चोट•मचा ले शोर~फिर होगी सत्य कीसुहानी भोर• निर्मल जैन 'नीर'ऋषभदेव/उदयपुरराजस्थान [30/05, 8:29 pm] Nirmal Jain: समय… सुख है पाना~वक्त की नज़ाकतसमझ जाना•कैसा गुमान~समय दुनियाँ मेंहै बलवान•तोल के बोल~समय होता बड़ाही अनमोल•सच … Continue reading निर्मल जैन ‘नीर’ के हाइकु

रामबाबू शर्मा, राजस्थानी

विश्व पर्यावरण दिवस...                *हाइकु*                ~~~~    1       ये पांच जून             याद रखेंगे हम             अलख जगे ।           復5 जून復       2       पर्यावरण            बढ़ता प्रदूषण            जतन  करे ।              3         धरती सूखी            ढूँढते हरियाली              अब न चैन ।             4          पेड़ न काटे           दाता यह सर्वस्व              समझें बात ।          5          अब की वर्षा          हो चहुँ ओर नीर            … Continue reading रामबाबू शर्मा, राजस्थानी

निर्मल जैन ‘नीर’

विश्व पर्यावरण दिवस.. सुंदर कृति~प्रभु की अनुपमयह प्रकृति•काली है घटारमणीय प्रकृतिअद्भुत छटा•कटते वन~बंजर वसुंधराउखड़ा मन•स्वच्छ हो तन~शुद्ध पर्यावरणस्वस्थ हो मन•वृक्ष लगाओ~हरि-भरी हो धरासृष्टि बचाओ•हो संरक्षण~अनमोल प्रकृतिन हो भक्षण•स्वार्थ छोड़िये~प्रकृति की तरफ़मुख मोड़िये• निर्मल जैन 'नीर'ऋषभदेव/उदयपुरराजस्थान

रामबाबू शर्मा, राजस्थानी

🌱हाइकु🌱 चांदनी रात टिमटिमाते तारे मन हर्षाये । 🌕🌙🌕🌙🌕 ⭐✨⭐✨⭐✨ दुखी जीवन फिसले मुट्ठी रेत करे प्रयास । जल अमृत मन से सोचे सब बचें जरूर । 🌧🌧🌧🌧🌧🌧 💦💦💦💦💦💦 अनुशासन जीवन उपयोगी बढे कदम । 🏃🏃🏃🏃🏃🏃 🕉🕉🕉🕉🕉🕉 ©® रामबाबू शर्मा, राजस्थानी, दौसा(राज.)