#विशाल चतुर्वेदी ” उमेश “

मुक्तक वक्त तो मुसाफिर है चलता ही जाएगा ।रेत तो बन्द मुट्ठी से फिसलता ही जाएगा ।मुफलिसी में भी जो कभी हारा नहीं ,उसका कर्म तो प्रकाशपुंज है जो फैलता ही जाएगा । विशाल चतुर्वेदी " उमेश "

#श्याम कुँवर भारती

हिन्द के जवान हिन्द के जवान सदा हुंकार किया करते है |चढ़ छाती दुशमनों ललकार किया करते है |आँख दिखाये जो भी भारत कभी सामने से |तौल भुजाओ उनको पलटवार किया करते है| माँ भारतीमाँ भारती तू मुझपर गुमान कर लेना |हाजिर है जान वतन नीसान कर लेना |जान जबतक बाकी बाल न बांका होगा … Continue reading #श्याम कुँवर भारती

#डॉ ब्रजेन्द्र नारायण द्विवेदी शैलेश

कुछ मुक्तकप्राण तुम ही हो जीव केतन मेंभा्वना भाव वन बसे मन में ज्योति तुम ही हो सूर्य में शशि मेंदीप का भाव रजत कंचन में।।1 सृष्टि को सृष्टि बनाने वाले दृष्टि को दृष्टि बनाने वाले तुमसे कुछ भी विलग नहीं प्यारेमेघ को वृष्टि बनाने वाले।।2 तुम जहां चाहते हो रहते होजो भी इच्छा हो … Continue reading #डॉ ब्रजेन्द्र नारायण द्विवेदी शैलेश

#भास्कर सिंह माणिक

मंच को नमन मुक्तक डर डर कर जीने वाला वीर नहीं होता।हां हां हूॅऺ करने वाला धीर नहीं होता।घर आए अतिथि का जो सम्मान नहीं करता।माणिक ऐसा मानव गम्भीर नहीं होता।---------------जिसको अपने पथ का भान नहीं होता।उसका जीवन में उत्थान नहीं होता।जिसकी कथनी करनी में होता अंतर ।माणिक ऐसे नर का सम्मान नहीं होता ।-----------------पोथी … Continue reading #भास्कर सिंह माणिक

वर्षा सोनी

जाने क्यूँ कुछ थम सी गई है मेरी ज़िन्दगी,चलते चलते बस रुक सी गई है ज़िन्दगी,यूँ तो बहुत हसीन हुआ करती थी कभी,पर अब बस उदास सी हो गई है जिंदगी || एक मुक्तक ज़िन्दगी के नामस्वरचित वर्षा सोनी अनोखी सोनचिरैया

मुक्तक

✅भास्कर सिंह माणिक✅मुक्तक उगे सूर्य काअभिनंदन करते हैं सब।लोग अस्ताचल कावंदन करते हैं कब।वक्त पर छोड़देखते दूर से नजारा।भाई वचन का ध्यानकहां रखते हैं अब।        ------सफर में अनगिनबन जाते हैं दोस्त।हाथ मिला कसम भीखाते हैं दोस्त।वक्त  पर  छोड़  देते हैंहम दर्द भी।साथ इस तरह सेनिभाते हैं दोस्त।    ----------- दुनियां का अजब नजाराहमनें देखा।पत्ते पर गुलाट … Continue reading मुक्तक

मुक्तक (बेहतर है)

【 श्याम कुँवर भारती 】राज की बात राज ही रहे तो बेहतर है |राज इश्क का राज ही रहे तो बेहतर है |बात पर्दे की बताना सबको जरूरी नहीं |मुलाकातो बात राज ही रहे तो बेहतर है | जुबां पर तालातेरी हर आहट पर दिल धड़कता क्यो है |तू नही मेरा पर अपना सा लगता … Continue reading मुक्तक (बेहतर है)

मुक्तक

【 नीलम व्यास 】माँ का आँचल लहराया अटल जी की ही याद में,विश्व पटल पर हिंदी में भाषण दिया कवि धन्य वे।अटल इरादे रख परमाणु परीक्षण पोखरण हुआ।परमाणु शक्ति सम्पन्न देश अटल प्रयास से करें। बन महानायक शेर से दहाड़ते रहे सदा थे ।पड़ोसी देशों को सेना शक्ति से चुनौतियां  दे।अविवाहित रहे सकल भारत को … Continue reading मुक्तक

मुक्तक(किसान आंदोलन)

◆◆◆ भास्कर सिंह माणिक ◆◆◆             ( 1)आज सड़कों पर बेबस खड़ा है किसान।सिर्फ चाहता अपना अधिकार सम्मान।उचित मूल्य मिलना ही चाहिए  श्रम का।माणिक तब ही महकेगा पूरा उद्यान।             ( 2)        -----------भीख  नहीं अधिकार चाहता।जीवन  का   आधार  चाहता।अपना हक मांग रहा किसान।कभी   नहीं  आभार  चाहता।     -----------------------           ( 3)होता  किसान  सबसे  महान।तुम न करना उसका अपमान।बहाकर   खूं  … Continue reading मुक्तक(किसान आंदोलन)

तीन मुक्तक

★★★ भास्कर सिंह माणिक ★★★हॅऺसकर के विष हम पी लेंगेरहे साथ तेरा मेरा।अंगार को शीतल कर देंगेरहे साथ तेरा मेरा।।कांटो से डरना भी क्याकीचड़ में मुस्कुराते कमल।सुखद प्रीत के गीत लिखेंगेरहे साथ तेरा मेरा।।      -------------हम नफरत की पाटें खाईसद्प्रेम के फूल उगाएं।हम दिल से मिटा दें बुराईअमन का दीया जलाएं ।।सुख दुख का आना जाना … Continue reading तीन मुक्तक