भीमराव को नमन

【भूपसिंह 'भारती'】1)इक दूजे को  साथ लो,  थाम हाथ म्ह हाथ।भीमराव की सीख सै,  चालो मिलकै साथ।चालो  मिलकै साथ,  माथ ना कदे झुकेगा।करो   सदा   संघर्ष,  काफिला नहीं रुकेगा।रंग  बदलै  खरबूज,  देख कै  खरबूजे  को।पढो पढ़ाओ खूब,  आज तुम इक दूजे को।  2)भीमराव की शिक्षा में,  छिपा उन्नति का कोड।पढो पढाओ आज सब,  कल पर मतना छोड़।कल  … Continue reading भीमराव को नमन

सामाजिक कुरीतियाँ

【मास्टर भूताराम जाखल】बिछा है जाल तेरा सामाजिक कुरीतियाँ,आनंदित जन देख तेरी समाज में भ्रान्तियाँ।सामाजिक कुरीतियों के भिन्न भिन्न प्रकार,तुझे रहे सदा सामाजिक पंचों की दरकार।। पहला प्रकार तेरा हैं करवाना बाल विवाह,बड़े संग खर्च कम को करता आगाह।दादा दादी नाना नानी देख ले बाल विवाह,इसलिये करो छोटे छोटे बालमन निकाह।। थोड़ा सा बाल शरीर हो … Continue reading सामाजिक कुरीतियाँ

जय सैनिक

【भास्कर सिंह माणिक】भारत की  है शान नौसेना ।भारत की है आन नौसेना । भारती  को गर्व है सेना परविश्व  वायु थल नौसेना परहम सुख से सोते हैं घरों मेंहै  अटूट  भरोसा  सेना पर करें   है   निगरानी  नौसेना।भारत  की  है शान  नौसेना ।। डरते   नहीं  है  तूफानों   सेलड़ते  है सिंधु की लहरों  सेसीने  टका  के  हवा  … Continue reading जय सैनिक

प्यार कर लो

【ओम प्रकाश खरे】कभी तो तुम प्यार कर लो।प्यार का इज़हार कर लो।। फूल,  कलियों,  बहारों  से,आँख अपनी चार कर लो । भेदभावों   को  भुला  कर,प्रेम का व्यवहार कर लो । प्यार पर यह जग टिका है,बात यह स्वीकार कर लो । भूल   कर   अपने-पराये,मात्र  शिष्टाचार कर लो । कर सको तो खोल के उर,हृदय एकाकार … Continue reading प्यार कर लो

मैं, एक बोझ ढो रहा हूं

【अजय "आवारा"】मैं, एक बोझ ढो रहा हूं,बोझ, उस रीत का,जिसका आधार, नदारद लगता है।या, उस सीख का बोझ,जिसकी परिभाषा,ना जाने कितनी गांठों  में उलझी है।अब तो, इंसानियत भी,बोझ बन गई सी लगती है।कोई, मुझे मेरा आईना दिखाता है,तो कोई, मुझे दिशा ज्ञान करवाता दिखता है।मेरी भावनाओं से अनजान,मेरी सोच से बेसुध।शायद, हर कोई मुझेअपने साथ … Continue reading मैं, एक बोझ ढो रहा हूं

शक्ति बड़ा भारी

【श्याम कुँवर भारती】भोजपुरी देबी गीत 3 – शक्ति बड़ा भारी |काली मईया तोहार शक्ति बड़ा भारी |हरला हर दुखवा हमरो सुना विनती हमारी |सगरो जगत मे चर्चा तोहरो खाली होखेला |बिना मरजी तोहरे केवनों पतवो ना डोलेला |बिना तोहरे महिमा लउके जग मे अनहारी |काली मईया तोहार शक्ति बड़ा भारी |सबके दिहलु माई अन्न धन … Continue reading शक्ति बड़ा भारी

मुझसे शिकायत करते हैं वो

【अरविन्द अकेला】अक्सर मुझसे शिकायत करते हैं वो,मैं उनसे कभी प्यार करता नहीं,बोलो ये नन्हें मुन्ने कहाँ से आ गये,जब तुम पर जाँ निसार करता नहीं। मेरे प्यार की गवाही मेरी कविता दे रहींतेरे सिवा औरों पर मरता नहीं,नाहक नहीं मुझको बदनाम करो,मैं तुझसे प्यार करता नहीं, इस फिजाँ में महक रहा तेरा मेरा प्यार है,पर … Continue reading मुझसे शिकायत करते हैं वो

चांवलरोटी

हितेंद्र कोंडागंया(यह त्रुटिवश नहींआवश्यककर लेखन हैचांवलरोटी) चांवल को गूंथकरजब रोटी बनाई जाती हैचांवलरोटी कहलाती है । ताड़ के गुड़ संगसेवन करने परविशिष्ट स्वादिष्ट है । मौलिकताओं कास्वयमेव हीविशेष आनंद है । जीवन में इसकेप्रयोग , अनुप्रयोगअतिआवश्यक भी हैं । वरन् अनेकानेकजीवनोपयोगीविशिष्टताओं से वंचित । प्रकृति एवं पूर्वजोंप्रदत्त इन विशेषताओं मेंरचा बसा है जगत् संसार । … Continue reading चांवलरोटी

दुःख दूर भाग जात

【नीलम व्यास】राम नाम जाप राख पाप शाप होत जात।मोह रोग शोक ताप मेट रोग नाश पात।छोड़ लोभ रोज दान खोल आँख राज रात।प्रेम दीप जो जलाय नेह द्वार खोल ईश आत। गीत गाय मीत आय राह को निहार आज।सोच मान आन बान शान ज्ञान ध्यान लाजअंध कार मेट प्रेम भाव पूर्ण राम राज।दुःख दूर भाग  … Continue reading दुःख दूर भाग जात

कवि रूप भाव है

【राजेश पान्डेय वत्स】अम्बर अथाह में सूरज वो गम्भीर धीर,किरणें है सुख कारी*अनोखा प्रभाव है!* चहके तरुवासिनी मधुरकंठ भासिनी,चित्त को चुराने वाली*सलौनी स्वभाव है!* शोभित है बाग मनभावन हैं पल पल,सिर्फ मृदु फूल खिले*काँटों का अभाव है!* प्रतिपदा आई प्यारी शुभ भोर नर नारी,वत्स मन राम छवि*कवि रूप भाव है!* --राजेश पान्डेय वत्स!छग! 1131 /03 शुभ … Continue reading कवि रूप भाव है