हिन्दी

हिंदी भाषा विशालवृक्ष हैं।बोलियां इसकी डालिया हैंपात पात क्षेत्रीय भाषा हैं।कविता गीत फल फूल हैं।###############हिंदी मेरी पहचान है    आन बान शान हैं।हिन्दीपुत्री मेरा नाम है।  हिंदी मेरा स्वाभिमान हैं।###############अमर शहीदों के बलिदान से   आजादी पाई करोडों के त्याग सेहिंदी भाषा राष्ट्र भाषा बनी आन से   हिंदी वर्चस्व बढ़ाती शान से।###############मैं हिंदीपुत्री बन पैदा हुई।      मातृ … Continue reading हिन्दी

जल

【ओम प्रकाश खरे】पंचतत्व से निर्मित तन में,जल प्रधान है सुन लो।जल है जीवन,व्यर्थ न फेंको,बात हमारी गुन लो।। जल से घिरी हुई है धरती,ऊपर-नीचे जल है।जल बिन जीवन चल ना पाये,बहुत जरूरी जल है।। वर्षा से निर्मल जल मिलता,प्रकृति प्रदत्त सुलभ उपहार।नदियों, झरनों,झील,कूप से,मिलते हैं जल के भंडार।। मानव की काया में रहता,पचहत्तर प्रतिशत जल।हो … Continue reading जल

मोहब्बत ज़िंदा रहती है

【★शाहाना परवीन★】युगो-युगों से मोहब्बत आज भी संसार मे है व्याप्त,मोहब्बत की परिभाषा आज भी है बहुत ख़ास। युग बदल जाए, इतिहास बदल जाए पर,कभी बदल नहीं सकती कहानी मोहब्बत की। रीत बदल जाए, संसार बदल जाए पर,कभी बदल सकती नहीं कहानी प्रीत की। परिवर्तन संसार का नियम है सब बदलता है एक दिन,कहानी कभी नहीं … Continue reading मोहब्बत ज़िंदा रहती है

भागवत पुराण

【नीलम व्यास】षष्टम स्कंन्ध में पुष्टि अनुग्रह ,,जी भगवद अनुग्रह के पश्चात विकार वासना को नष्ट करके सदुपयोग से पुष्ट होता हैं।प्रभु की सेवा व स्मरण में तन्मयता से जीव पुष्ट होता हैं।ईश्वर सम है पर माया के कारण विषम दिखाई देता है।परमात्मा को जीव तन्मय होकर भजे,,किसी भी भाव से एकाकार चाहिये। प्रेम या शत्रु … Continue reading भागवत पुराण

कुछ क़तआत

प्रस्तुति: राकेश कुमार मिश्राअमलदार नीहारहिन्दी विभागश्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बलिया (1)इधर जमहूरियत का क़त्ल कि उधर है दौरे-जामो-जश्नसुना है कि हुजूर किसी रक्कासा की दर पे जा बैठे हैं। (2)किसी भी खोल में रहो, किसी भी खाल में, छिप नहीं सकते,ज़माने की काइयों पे काइँयों को फिसलते देखा है। (3)तुम मदारी के कहे … Continue reading कुछ क़तआत