अलविदा कोरोना

【भूपसिंह 'भारती'】"अलविदा कोरोना" कोरोना विकराल है मानव।हाल हुआ बेहाल है मानव।। संक्रमण की यह बीमारी,फैलाती ये जाल है मानव। भाईचारे को यह तोड़े,पर मत कर मलाल तू मानव। अर्थव्यवस्था तहस नहस की,खूब मचाया धमाल हे मानव। प्यार मोहब्बत का दुश्मन है,जीवन का ये काल है मानव। भीड़भाड़ में जाना हो तो,मुँह पर रख रुमाल हे … Continue reading अलविदा कोरोना

सजना संवारना छोड़ दिये

【अरविन्द अकेला】  सजना संवारना छोड़ दिये------------------------------ जबसे हुई है तुमसे मेरी शादी,हम सजना संवरना छोड़ दिये,इसका मतलब यह तो नहीं,हम तुमपर मरना छोड़ दिये। जबसे हुये तेरे दिल के दीवाने,परवाने बनना हम छोड़ दिये,जबसे आयी हो मेरी जिंदगी में,हम खुद से लड़ना छोड़ दिये। छूट गया मेरा घर परिवार सब,दोस्तों घर आना जाना छोड़ दिये,जबसे … Continue reading सजना संवारना छोड़ दिये

गीत

【नीलम व्यास 】गीत,,मात्रा भार,,16  16 आ भी जाओ ओ हरजाई,मत पूछो विरहन की पीड़ा। कैसे मैं तो रात बिताती,चाँदनी बैरन बन सताती,निसि दिन जलाती जुदाई,आ भी जाओ ओ हरजाई,,,1 सावन तन मन खूब जलाता,मुखड़ा देखन सजन बुलाता,काटती   मुझे   ये तन्हाई,आ भी जाओ ओ हरजाई,,,2 उगता सूरज लगे चेहरा,साँसों पर यादों का पहरा,तेरी हर अदा है … Continue reading गीत

गीत

【नीलम व्यास 】गीत,,मात्रा भार,,16  16 आ भी जाओ ओ हरजाई,मत पूछो विरहन की पीड़ा। कैसे मैं तो रात बिताती,चाँदनी बैरन बन सताती,निसि दिन जलाती जुदाई,आ भी जाओ ओ हरजाई,,,1 सावन तन मन खूब जलाता,मुखड़ा देखन सजन बुलाता,काटती   मुझे   ये तन्हाई,आ भी जाओ ओ हरजाई,,,2 उगता सूरज लगे चेहरा,साँसों पर यादों का पहरा,तेरी हर अदा है … Continue reading गीत

महाराणा प्रताप

{भूपसिंह 'भारती',}"महाराणा प्रताप" राणा रण म्ह आ गए, पकड़ ढाल तलवार।रण में राणा वार से, मुगल हुए लाचार।। मातृभूमि की आन को, करा गजब संग्राम।खाई रोटी घास की, हांडे जंगल गाम।। आजादी मेवाड़ की, मांग रही बलिदान।हल्दीघाटी आ डटे, सारे वीर जवान।। हल्दी घाटी देखलो, राणा का है मान।जर्रा जर्रा बोलता, जय जय हिंदुस्तान।। राजपुताना … Continue reading महाराणा प्रताप

हनुमत चालीसा

{ नीलम व्यास }हनुमत चालीसामात्रा भार ,,16अंत दीर्घ जय जय होत अंजनी नन्दन ।केसरी  राघव  भगत  वन्दन।सेवा भक्ति की  महक  चन्दन।दूर  हो   कष्ट  गरीब   क्रन्दन।। राम सिया के चरणन पूजक ।राम भक्ति से पा सुख अर्जक।सेवा भाव के अनुपम सर्जक।संकट हरण ओज बल वर्धक संजीवनी  बूटी ले आय।लखन के प्राण सहर्ष बचाय।वानर सेना सबन  हरसाय।सुषेण … Continue reading हनुमत चालीसा

मुद्दतों के बाद मुस्कुराया हूं मैं

【अजय "आवारा"】मुद्दतों के बाद मुस्कुराया हूं मैं।बहारें जाते-जाते कुछ हिस्से छोड़ गई थी।थोड़ी मस्ती हवाओं में भी थी,थाली भरकर दे गई मुझे वो।अब तो फूल भी मेहरबान हो गए हैं,अंजलि भर खुशबू लेकर आए थे।शबनम भी आई थी उनके साथ,ताजगी की बूंदे बिखेरते गई।कैसे भूल जाऊं वो भोर की बातें,जो सौगात रोशनी की दी गई … Continue reading मुद्दतों के बाद मुस्कुराया हूं मैं

जब बसर होला

【श्याम कुँवर भारती】भोजपुरी गजल- जब बसर होला |केहु के नेह मे देह के ना खबर होला |प्रेम के रोग ह ई बड़ा जहर होला |केतनों समझावे केहु कबों ना मानेला |बहक जाला कदम अइसन ई डहर होला |प्यार तोहसे ना करी ई का कहलू तू |चाहे करा रुसवा तनको ना असर होला |दिहला काहे दिल … Continue reading जब बसर होला

हैप्पी बर्थडे र्हईम गुरु निशांत वैद्य “निश”

【निशांत वैद्य "निश"】हैप्पी बर्थडे र्हईम गुरु निशांत वैद्य "निश" वोह एक,अनजान र्हईम गुरु हैं भारत से,जो अपना नाम पूरे विश्व में प्रसिध्द करना चाहता है,और उसने बहुत कविता केे ऊपर विदेश वालो केे साथ काम भी किया है| वोह भारत से है,सबसे ज़्यादा लोग वाला देश,यही कारण है,की उसे कोई जानता नहीं| उसने हमेशा बाकी … Continue reading हैप्पी बर्थडे र्हईम गुरु निशांत वैद्य “निश”

स्नान और दान

मो.9981714828अनिल कुमार राठौर सृजन जी सारागांव छत्तीसगढ़ 495686दि.13/01/21 बुधवारविधा कविताविषय  मकरसंक्रांतिशीर्षक   स्नान और दान ====================पौष मास की शुक्ल पक्ष को,सूर्य देवता सदा गोचर करते,धनु राशि से मकर राशि में विस्थापित होता,कहलाती है वह मकर संक्रांति,उत्तरायण होते हैं सूर्य देवता,लम्बे  होते दिन और रात होती छोटी,लोग करते हैं स्नान और दान पुण्य,होता है विशेष महत्व तिल … Continue reading स्नान और दान